भारत ने हेल्थ सेक्टर में एक बड़ा कदम उठाते हुए अपनी पहली स्वदेशी MRI मशीन विकसित कर ली है, जिसे अक्टूबर तक एम्स दिल्ली में टेस्टिंग के लिए इंस्टॉल किया जाएगा. इस बड़ी उपलब्धि का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टीवी9 नेटवर्क के व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे (WITT) समिट में जिक्र किया.
पीएम मोदी मेड इन इंडिया का जिक्र किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंसी का नया रूप देख रहे हैं. अभी तीन-चार दिन पहले ही सूचना मिली है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है. इतने दिनों तक हमारे यहां विदेशी MRI मशीन थी. अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी, तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी. आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है.
दुनिया भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर देख रही- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी. आज वही दुनिया भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के तौर पर देख रही है. ये सफलता कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण हर सेक्टर में देखने को मिलेंगे.
दरअसल, मेड इन इंडिया MRI मशीन के आने से भारत को मेडिकल टेक्नोलॉजी में अधिक आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी. इस कदम का उद्देश्य ट्रीटमेंट कॉस्ट और इंपोर्टेड मेडिकल डिवाइसेस पर निर्भरता को कम करना है. मौजूदा समय 80-85 फीसदी उपकरण भारत आयात करता है.
क्या करती है MRI मशीन?
दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डॉ. एम. श्रीनिवास का कहना है कि भारत में क्रिटिकल केयर, पोस्ट ऑपरेटिव केयर, आईसीयू, रोबोटिक्स, एमआरआई सहित तमाम उपकरण आयात किए जाते हैं और 80 से 90 प्रतिशत गैजेट महंगे होते हैं और बेहद जरूरी भी. हमारे पास देश में सर्वश्रेष्ठ टैलेंट है और हम चाहते हैं कि हमारे पास दुनिया के सर्वश्रेष्ठ उपकरण भी हों. दुनिया में इस तरह के सर्वश्रेष्ठ उपकरण होने के बाद हमें भी लगता है कि क्या हम भारत में ऐसा नहीं कर सकते. MRI स्कैनर एक नॉन-इनवेसिव मेडिकल इमेजिंग टेस्ट है, जिसका उपयोग सॉफ्ट टिश्यू को देखने के लिए किया जाता है.
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