meerut News: रमजान महीने का आखिरी जुमा 28 मार्च को है. रमजान के आखिरी जुमे यानी अलविदा की नमाज को लेकर मेरठ पुलिस प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है. इस बार सड़क पर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
प्रशासन ने कहा है कि अगर इसके बावजूद भी अगर कोई सड़क पर नमाज अदा करते पाया गया उस व्यक्ति पर कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उसका पासपोर्ट और लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. मेरठ पुलिस के इस फैसले का मुस्लिम समुदाय ने किया विरोध किया है.
मेरठ पुलिस ने सड़क पर नमाज अदा करने के मामले में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई सड़क पर नमाज पढ़ेगा, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा, और बाद में उसका पासपोर्ट और लाइसेंस भी रद्द हो सकता है.
फैसले पर मुस्लिमों ने जताई आपत्ति
मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले मामले में भी सड़क पर नमाज पढ़ने पर 200 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उन्होंने कहा कि इस बार भी यदि कोई ऐसा करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
एसपी सिटी आयुष विक्रम के अनुसार इसके के लिए ईद पर सभी धर्मगुरुओं और इमामों से अपील की गई है कि लोग मस्जिदों या ईदगाहों में ही नमाज अदा करें. इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय ने आपत्ति जताते हुए कहा कि यदि रोक लगाई जाए तो यह सभी के लिए समान रूप से होनी चाहिए, न कि केवल मुस्लिम समुदाय को ही टारगेट किया जाए.
इधर, संभल में ईद, नवरात्रि सहित आगामी त्योहारों को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में संभल सीओ अनुज चौधरी भी मौजूद रहे. संभल सीओ ने कहा कि अगर आपको ईद की सेवइयां खिलानी हैं तो आपको गुजिया भी खानी पड़ेगी. एक पक्ष तो खाता है और दूसरा नहीं खाता तो यहां भाईचारा खत्म हो जाता है.
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