भारत में रोजाना रेलवे के जरिए करोड़ों की संख्या में लोग ट्रैवल करते हैं. जिनके लिए रेलवे की ओर से हजारों की संख्या ट्रेनें चलाई जाती है. ट्रेन का सफर काफी सुविधायुक्त और सहूलियत भरा होता है.
इसीलिए ज्यादातर लोग ट्रेन के जरिए सफर करना पसंद करते हैं. ट्रेन में सफर करने वाले ज्यादातर लोग रिजर्वेशन करवा कर सफर करना पसंद करते हैं.
रिजर्व कोच में लोगों को काफी फैसेलिटीज मिलती हैं. टिकट बुकिंग को लेकर रेलवे की ओर से कुछ नियम भी तय किए गए है. कई लोगों के मन में सवाल भी आता है कि अगर ट्रेन से चार लोगों ने एक साथ टिकट करवाई है. उनमें से तीन की कंफर्म हुई और एक की नहीं. तो फिर वह यात्री कैसे कर सकता है सफर. चलिए बताते हैं इसे लेकर क्या है नियम.
वेटिंग टिकट यात्री भी कर सकता है सफर
अगर एक ही पीएनआर पर चार यात्रियों की टिकट बुक होती है. और इनमें से तीन यात्रियों की टिकट कंफर्म होती है. और एक यात्री की टिकट वेटिंग में रह जाती है. तो जिस चौथे यात्री की टिकट वेटिंग में रह जाती है. तो ऐसे में फिर चौथे यात्री पर आशिक कंफर्म टिकट का नियम लागू होता है.
यानी तीन यात्रियों में टिकट कंफर्म भले हो जाती है. लेकिन चौथे यात्री की टिकट कैंसिल नहीं होती. वह उस टिकट पर ट्रेवल कर सकता है. हालांकि उसे सीट नहीं मिलेगी क्योंकि उसकी टिकट कंफर्म नहीं है. लेकिन अगर आगे चलकर सफर में कोई सीट खाली होती है. तो टीटीई उसे वह सीट अलॉट कर सकता है.
एक कन्फर्म तीन वेटिंग पर भी सेम रूल
अगर चार यात्रियों ने एक साथ टिकट करवाई है. और उनमें से सिर्फ एक की ही टिकट कंफर्म हुई है. बाकी की तीन की कंफर्म नहीं हुई. तो उन तीन यात्रियों की टिकट पर भी यही सेम रूल अप्लाई होता है. एक यात्री को सीट मिलती है. बाकी तीन यात्रियों को सीट नहीं मिलती. सफर में आगे चलकर ट्रेन में अगर कोई सीट खाली होती है. तो टीटीई उनमें से किसी को सीट दे सकता है.
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