ऐसे ही एक परीक्षार्थी ने अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखा है कि सर, फेल मत करना, वरना मम्मी रील बनाना छुड़ा देंगी। जाहिर है कि परीक्षार्थी की मां उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए रील बनाने से रोकती होंगी। इसके अलावा भी कई तरह की मनुहार परीक्षार्थी लगा रहे हैं।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं को जांचने का काम पांच मूल्यांकन केंद्रों पर तेजी से चल रहा है। उत्तर पुस्तिकाओं को जांचते समय परीक्षकों को तरह-तरह की अपील देखने को मिल रही हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक परीक्षक ने बताया कि एक परीक्षार्थी ने लिखा है कि सर, मैं परीक्षा की तैयारी अच्छी तरह से नहीं कर पाया। कृपया मुझे पास कर दो, नहीं तो मेरा जीवन खराब हो जाएगा।
एक कॉपी में लिखा मिला कि गुरुजी मुझे पास नहीं किया तो मम्मी-पापा मेरी शादी कर देंगे, जबकि मैं आगे पढ़ना चाहती हूं। इसी तरह से कई छात्र अपना एक्सीडेंट होने का हवाला देकर भी पास करने की गुहार लगाते हैं। कुछ छात्रों ने पारिवारिक कलह की वजह से पढ़ाई ठीक से न हो पाने की बात लिखकर पास करने की अपील की है।
कम हुआ उत्तर पुस्तिकाओं से रुपये निकलने का चलन
गत वर्षों में उत्तर पुस्तिकाओं में परीक्षार्थी रुपये रखकर पास करने की गुहार लगाते थे। समय के साथ रुपये रखने का चलन कम हुआ है। गत वर्षों से मूल्यांकन करने वाले परीक्षक ने बताया कि पहले 20, 50 और 100 रुपये उत्तर पुस्तिकाओं से निकलते थे। इसके बाद 500 और 1000 रुपये तक भी उत्तर पुस्तिकाओं से निकलने लगे। अब दो-तीन वर्षों में उत्तर पुस्तिकाओं से रुपये निकलने कम हो गए हैं। जबकि मजबूरी जताकर पास करने की गुहार लगाने वालों की संख्या नहीं घटी है। इस वर्ष कुछ ही उत्तर पुस्तिकाओं में रुपये निकल रहे हैं।
दो अप्रैल तक मूल्यांकन कार्य पूरा होने की उम्मीद
यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य तेजी से चल रहा है। मंगलवार तक मेरठ जिले में दो लाख 30 हजार 481 कॉपियों का मूल्यांकन किया जा चुका है। हाईस्कूल की अब केवल 18522 उत्तर पुस्तिका ही बची हैं। इसी तरह से इंटरमीडिएट की एक लाख 52 हजार 188 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो चुका है और 66202 कॉपियां की चेकिंग होनी है। इससे लग रहा है कि दो अप्रैल से पहले ही उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरा हो जाएगा और इसके बाद माध्यमिक शिक्षा परीषद परीक्षा परिणाम तैयार करने में जुट जाएगा।
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