एकता का प्रतीक कहे जाने वाले नौचंदी मेले का उद्घाटन कार्यक्रम ही रविवार को विवादों में घिर गया। इस बार नगर निगम नौचंदी मेले का आयोजन करने जा रहा है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने महापौर के पहुंचने से पहले ही उद्घाटन कर दिया।
इतना ही नहीं बाले मियां की मजार पर चादरपोशी के दौरान भी महापौर को साथ नहीं लिया गया। महापौर समेत सभी पार्षदों ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई है। उन्होंने अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की बात कही है।
शासन ने नौचंदी मेले को प्रांतीय मेला घोषित किया है। एक वर्ष मेला जिला पंचायत लगाता है, तो दूसरे वर्ष नगर निगम आयोजन करता है। इस क्रम में इस बार नौचंदी मेले के आयोजन की जिम्मेदारी नगर निगम को मिली है। नगर निगम के महापौर हरिकांत अहलुवालिया का प्रशासन ने न तो उद्घाटन निमंत्रण पत्र पर ही नाम लिखवाया और उद्घाटन के समय भी उन्हें साथ नहीं लिया।
रविवार को शाम लगभग पांच बजे पारंपरिक रूप से हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक मेरठ के ऐतिहासिक नौचंदी मेले के उद्घाटन के लिए शहीद द्वार पर एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर, जिलाधकारी डॉ. विजय कुमार, सीडीओ नूपुर गोयल, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, नगरायुक्त सौरभ गंगवार समेत निगम के सभी अधिकारी पहुंचे। निगम के अधिकारियों ने उद्घाटन कार्यक्रम में महापौर हरिकांत अहलुवालिया के शीघ्र पहुंचने की जानकारी दी, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका इंतजार करने की बजाय मेले का फीता काटकर उद्घाटन कर दिया।
अधिकारियों ने आसामान में गुब्बारे और कबूतर उड़ाकर आपसी आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया। इसके बाद अधिकारियों ने मां चंडी मंदिर पहुंचकर हवन पूजन शुरू करा दिया। इस दौरान महापौर हरिकांत अहलुवालिया भी पहुंच गए। मंदिर में मां को चुनरी, नारियल चढ़ाने के बाद सभी अधिकारी मंदिर के सामने हजरत बाले मियां की मजार पर चादरपोशी करने पहुंच गए।
महापौर को इस कार्यक्रम में भी साथ नहीं लिया गया। इसके उपरांत अधिकारियों ने मेला परिसर में डा. भीमराव आंबेडकर समेत सभी महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इस दौरान मेला कमेटी के सदस्य मुफ्ती अशरफ, नासिर सैफी, कांग्रेसी नेता दीपक शर्मा, आलोक शिशोदिया समेत काफी लोग मौजूद रहे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने किया अपमान : मेयर
महापौर हरिकांत अहलुवालिया ने कहा कि मेरा ही नहीं बल्कि भाजपा के सभी जनप्रतिनिधियों का अपमान किया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने न तो निमंत्रण पत्र पर हमारा नाम लिखवाया और न ही भाजपा के किसी सांसद, विधायक, संगठन के पदाधिकारियों को उद्घाटन कार्यक्रम में बुलाया। हमारे नौचंदी मेले में पहुंचने से पहले ही अधिकारियों ने उद्घाटन करके अपमान करने का काम किया है। अधिकारियों ने न तो चंडी मंदिर में पूजन के दौरान हमें पूजा में बैठने के लिए कहा और न ही बाले मियां की मजार पर साथ लेकर गए। हमने अधिकारियों द्वारा किए गए अपमान की जानकारी सभी जनप्रतिनिधि और संगठन को दे दी है।
महापौर का अपमान नहीं करेंगे बर्दाश्त
नगर निगम के पार्षद संजीव पुंडीर, उत्तम सैनी, भाजपा प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ. चरण सिंह लिसाड़ी समेत भाजपा के सभी पार्षदों ने कहा कि महापौर का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने प्रथम नागरिक महापौर का अपमान करके मेरठ शहर की समस्त जनता का अपमान किया है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे। प्रशासनिक अधिकारियों ने नौचंदी मेले की परंपरा को तोड़ा है। अधिकारी मेले को खत्म करने की योजना बना रहे हैं। नौचंदी मेला मेरठ की पहचान है।
अपमान का सवाल ही नहीं बनता : डीएम
डीएम डॉ. वीके सिंह ने कहा कि महापौर के आने की जानकारी हमें नहीं थी। नगर आयुक्त या फिर निगम के किसी भी अधिकारियों के द्वारा महापौर के बारे में नहीं बताया गया था। अगर वह बताते तो महापौर की प्रतीक्षा बिल्कुल की जाती। किसी का अपमान करने का कोई सवाल ही नहीं बनता।
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