आँखों में आक्रोश और जुबां पर आरोप... रविवार को कुछ ऐसा ही मंजर था सहारनपुर में तीन बच्चों का कत्ल करने और पत्नी को गोली मारने वाले आरोपी योगेश के घर पर। आरोपी योगेश की बहनें बार-बार चिल्लाकर कह रहीं थीं कि 17 साल पहले तड़पती हुई मां ने जो श्राप दिया था वह सच हो गया।
मां ने कहा था कि बिल्लू (योगेश के घर का नाम) तुझे कभी शांति और सुख नहीं मिलेगा। 17 साल बाद योगेश के कुंठित दिमाग ने वह सच कर दिया।
दरअसल, श्रद्धा, देवांश और शिवांश के शवों को देखकर उनकी बुआ सीमा और गुड्डी बार-बार बेहोश हो रहीं थी। वह बार-बार कह रहीं थीं कि योगेश ने अपने अंहकार व शक में घर के चिरागों को बुझा दिया है
उन्होंने महिलाओं को बताया कि आज मां का दिया श्राप सच हो गया। नेहा के मौसा राजपाल ने बताया कि 17 साल पहले जब योगेश के माता-पिता और तीनों बहनों की जहरीले पदार्थ से मौत हो गई थी, तब तड़पते हुए योगेश की मां ने कहा था कि इस हवेली में तू अकेला ही रहे, तुझे पानी देने वाला भी कोई न रहेगा। तुझे कहीं भी शांति नहीं मिलेगी। दोनों बहनें मां की इन बातों को याद कर बिलख रहीं थीं।
15 दिन पहले पत्नी और बच्चों को निकाल दिया था घर से
सांगाठेड़ा में योगेश और उसकी पत्नी नेहा के बीच काफी समय से विवाद चल रहा था। इसके चलते कई बार झगड़े भी हुए और मायके पक्ष से लेकर योगेश के परिवार के लोगों को बीच में आना पड़ा। करीब 15 दिन पहले योगेश ने नेहा और तीनों बच्चों को घर से निकाल दिया था। सहारनपुर निवासी साढ़ू नवीन राय ने बताया कि योगेश अपनी पत्नी पर शक करता था। इसे लेकर ही विवाद था।
को मनाने की कोशिश करती रही, लेकिन योगेश ने उसकी एक नहीं सुनी और दरवाजा बंद कर लिया। इस पर योगेश के चचेरे भाई अक्षय ने नेहा और बच्चों को रामपुर मनिहारान स्थित उनकी बुआ उर्मिला के घर छोड़ दिया। करीब आठ दिन बाद रिश्तेदारों के समझाने-बुझाने पर योगेश ने उन्हें घर वापस लाने की हामी भरी। इसके बाद अक्षय उन्हें बुआ के घर से वापस ले आया।
नाले में फेंक दिया था नेहा का सामान
जिस दिन योगेश ने नेहा और बच्चों को घर से निकाला था, उसी दिन उसने नेहा के कपड़े, जेवर और अन्य सामान एक पोटली में बांधा और उसे गंगोह-नानौता मार्ग स्थित काठा पुल से नीचे फेंक दिया। जब ग्रामीणों ने पुल के नीचे पड़ी पोटली देखी, तो उन्होंने इसे किसी तांत्रिक क्रिया से जुड़ा समझकर हंगामा कर दिया। कई लोग वहां इकट्ठा हो गए और तरह-तरह की आशंकाएं जताने लगे, लेकिन जब यह सामने आया कि पोटली में पड़ा सामान योगेश की पत्नी का है तो ग्रामीणों ने उसे बाहर निकालकर धोया और वापस घर भिजवा दिया था।
भाजपा नेता ने तीन बच्चों को मार डाला, पत्नी को भी मारी गोली
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गंगोह के सांगाठेड़ा गांव में दिल दहला देने वाली वारदात हुई। भाजपा नेता योगेश रोहिला ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के सिर में लाइसेंसी पिस्टल सटाकर गोली मार दी। इसमें श्रद्धा (8), देवांश (7) और शिवांश (4) की मौत हो गई, जबकि पत्नी नेहा (32) मेडिकल कॉलेज में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। योगेश ने खुद फोन करके पुलिस को वारदात की सूचना दी। पुलिस ने घर पहुंच कर उसे गिरफ्तार कर लिया। अभी तक जांच में सामने आया है कि आरोपी को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था, जिसके चलते इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया।
कमरे से एक के बाद एक कई गोलियों की आवाज आई
योगेश रोहिला भाजपा में जिला कार्यसमिति का सदस्य है। दोपहर करीब डेढ़ बजे योगेश बाहर से आया और घर में जाकर कमरे का दरवाजा बंद कर लिया। करीब दो बजे कमरे से एक के बाद एक कई गोलियों की आवाज सुनाई दी। इस पर उसी मकान के दूसरे हिस्से में रहने वाली योगेश की चाची मीना व अन्य परिजनों ने दरवाजा खटखटाया।
'मैंने पत्नी और तीनों बच्चों को गोली मार दी'
योगेश ने दरवाजा खोला और तेज आवाज में कहा कि मैंने पत्नी और तीनों बच्चों को गोली मार दी। यह सुनते ही परिजन हैरान रह गए। उन्होंने अंदर जाकर देखा तो वहां चारों खून से लथपथ हालत में पड़े थे। श्रद्धा की मौत हो चुकी थी, जबकि पत्नी और अन्य दोनों बच्चे तड़प रहे थे। सभी के सिर में गोली मारी गई थी। इसी दौरान आरोपी ने एसएसपी, सीओ और कोतवाल को भी फोन कर कहा कि मैंने परिवार को मार दिया है।
'मैं खुद को भी गोली मार लूंगा, जल्दी आइए'
मैं खुद को भी गोली मार लूंगा, जल्दी आइए। पता चलते ही एसएसपी रोहित सिंह सजवाण और एसपी देहात सागर जैन समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया। लाइसेंसी पिस्टल को भी जब्त कर लिया गया है। घायलों को जिला अस्पताल में लाया गया, जहां शिवांश और देवांश की भी मौत हो गई। नेहा को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
मम्मी का साथ देते थे बच्चे...इसलिए मारा
आरोपी ने कहा कि तीनों बच्चे अपनी मम्मी की तरफदारी करते थे। जब भी झगड़ा होता था तब बच्चे कहते थे कि पापा आप गलत हो, मम्मी सही है। इसी वजह से उन्हें भी गोली मार दी। चेहरे पर शिकन तक नहीं पुलिस ने आरोपी को पकड़ा, उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। जांच में पता चला कि योगेश मानसिक तनाव से गुजर रहा था।
दो माह से कर रहा था पत्नी को परेशान
पुलिस के मुताबिक, योगेश ने पिस्टल का लाइसेंस 2013 में लिया था। वह दो माह से पत्नी को परेशान कर रहा था। गांव में योगेश ने बड़े नेताओं जैसा रौब गांठ रखा था। वह भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष रह चुका है। उसे कई बार पार्टी से निष्कासित भी किया गया।
तीसरे बच्चे पर था शक, कराना चाहता था डीएनए
पुलिस पूछताछ में हत्यारोपी योगेश ने बताया कि उसे छोटे बेटे शिवांश को लेकर भी शक था कि वह उसका नहीं है। इसलिए वह डीएनए जांच कराना चाहता था। इसे लेकर भी कई बार पत्नी के साथ बहस हुई। आरोपी ने यह भी बताया कि उसे डर था कि पत्नी उसे जहर देकर मार सकती है। इसलिए उसने पहले ही यह कदम उठा लिया। हालांकि पत्नी और तीन बच्चों को गोली मारने के बाद हत्यारोपी योगेश के चेहरे पर किसी तरह की शिकन नहीं थी। चेहरा देखकर ऐसा लग रहा था कि उसने कुछ किया ही नहीं। जब पुलिस उसे गिरफ्तार कर थाने लेकर पहुंची, तब वह जाकर गुमशुम बैठ गया। पुलिसकर्मयों से बोला कि गलत हो गया है।
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