आजाद समाज पार्टी के संस्थापक और नगीना सांसद चंद्रशेखर ने बागपत पहुंचकर खेकड़ा कस्बे की पट्टी धंधान के रविदास मंदिर में जितेंद्र के परिजनों से मुलाकात कर उनको सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि जितेंद्र की मौत और उसके परिवार के उत्पीड़न का मुद्दा संसद में उठाया जाएगा।उन्होंने मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा, एक सदस्य को सरकारी नौकरी और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि वर्ष 2021 में जो सिलसिला जितेंद्र के परिवार के साथ शुरू हुआ, वह अभी जारी है। जितेंद्र अपने परिवार के लिए इंसाफ की लड़ाई लड़ता रहा, लेकिन इंसाफ नहीं मिला। इससे थककर जितेंद्र ने आत्मघाती कदम उठाया। इससे समाज में आक्रोश का माहौल बना हुआ है।
जितेंद्र अगर एक बार भी मुझसे मिल लेता तो वह आत्महत्या नहीं करता। दोबारा विवेचना के आदेश पहले ही जारी कर दिए जाते तो जितेंद्र की जान बच जाती। उसकी मौत होने से परिवार की बेटी की शादी भी टालनी पड़ी। कहा कि प्रदेश और देश में अनुसूचित जाति के लोगों का शोषण किया जा रहा है, उन्हें सुनवाई के लिए ऐसे कदम उठाने पड़ रहे है।
प्रधानमंत्री के दरगाह पर चादर भेजने का विरोध घर का मामला
सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने पर हिंदू संगठनों ने जिस तरह से विरोध जताया है, वह उनका घर का मामला है। उन्होंने कहा कि देश में बेरोजगारी और नशाखोरी गांव-गांव फैल रही है।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री आवास के नीचे शिवलिंग होने के बयान पर उन्होंने कहा कि इसका पता खुद अखिलेश को ज्यादा होगा, क्योंकि वह पांच साल आवास में रह चुके हैं। अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय नहीं मिलने पर सड़कों पर जाम लगाकर कलक्ट्रेट का घेराव भी करेंगे
सांकरौद प्रकरण के आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग
सांकरौद गांव में पहुंचे सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि सांकरौद गांव में अनुसूचित जाति के परिवार पर हमला करने के कई आरोपी फरार है और पीड़ित परिवार गांव छोड़कर बाहर रहने को मजबूर है। इस मामले में उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और पुलिस अफसरों से वार्ता कर फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने पुलिस अफसरों से अनुसूचित जाति के लोगों को जारी शस्त्र लाइसेंस की जानकारी भी मांगी।
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