बीते वर्ष 10 अक्टूबर को धौला कुआं के पास ओडिशा की युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने 400 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र साकेत कोर्ट में दाखिल किया है।सूत्रों के मुताबिक मामले में 32 लोगों को गवाह बनाया है, जिनमें 20 पुलिसकर्मी हैं। आरोपपत्र में कबाड़ की दुकान में काम करने वाले प्रमोद बाबू, दिव्यांग भिखारी मोहम्मद शमशुल और ऑटो चालक प्रभु महतो को आरोपित बनाया गया है।
कबाड़ी और भिखारी ने पी रखी थी शराब
तीनों पर सामूहिक बलात्कार और इरादतन चोट पहुंचाने से संबंधित धाराओं का आरोप लगाया गया है। आरोपपत्र के अनुसार, कबाड़ की दुकान पर काम करने वाले प्रमोद बाबू और उसके दिव्यांग भिखारी दोस्त मोहम्मद शमशुल ने युवती के यौन उत्पीड़न की साजिश रची।
दोनों ने शराब पी रखी थी। आईटीओ मेट्रो स्टेशन के पास से मानसिक रूप से बीमार युवती को दोनों पास के एक सुनसान इलाके में ले गए और दुष्कर्म किया।
पुलिस ने 700 से ज्यादा CCTV कैमरे खंगाले
इसी बीच ऑटो चालक प्रभु महतो ने घटना को देखा तो वह भी अपराधियों साथ शामिल हो गया। 400 से अधिक पन्ने के आरोपपत्र में पुलिस ने डिजिटल साक्ष्यों का भी उल्लेख किया है। इसमें 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण भी शामिल है।
पुरानी दिल्ली स्टेशन से मिला सुराग?
सीसीटीवी फुटेज में पीड़िता को 10 अक्टूबर को सुबह 10.14 बजे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के वेटिंग हॉल से बाहर निकलते हुए पाया गया, जो घटना में अहम सुराग था।
पुलिस ने सराय काले खां तक के रास्ते के बीच पेट्रोल और सीएनजी पंपों सहित विभिन्न स्थानों पर लगे कैमरों से फुटेज का विश्लेषण किया। इनके माध्यम से पुलिस को युवती को ट्रैक करने के साथ ही आरोपितों की गतिविधि का पता लगाने में मदद मिली।
ऑटो ने आरोपितों तक पहुंचाया
सूत्रों के मुताबिक युवती को सराय काले खां इलाके में 10-11 अक्टूबर की मध्य रात्रि किस वाहन से फेंका गया था, टीम ने जांच यहीं से शुरू की। अपराध में शामिल ऑटो का नंबर साफ नहीं दिखा था। उसकी पहचान करने के लिए दिख रहे और नहीं दिख रहे दोनों अंकों के संयोजन का विश्लेषण कर 150 से अधिक संदिग्ध ऑटो की जांच की।
ऑटो में जबरन बैठाकर भी किया था दुष्कर्म
जांच में दिल्ली नंबर के ऑटो और चालक की पहचान हुई। चालक की गिरफ्तारी के बाद उसकी निशानदेही पर टीम प्रमोद व शमशुल तक पहुंची। पुलिस ने बताया कि आरोपित ऑटो चालक को आरोपित नहीं जानते हैं। ऑटो चालक वहां से गुजर रहा था। उसने घटना देखी और वह भी उनके साथ शामिल हो गया।
घटना के बाद उसने लड़की को जबरन ऑटो में बैठाया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। ऑटो चालक प्रभु ने बेसुध हालत में पीड़िता को सराय काले खां के पास फेंक दिया। संयोग से उधर से गुजर रहे एक विंग कमांडर ने महिला को देखा और पुलिस को सूचित किया।
आरोपितों के बेल्ट, टोपी और जूते भी हैं अहम सबूत
आरोपपत्र में पुलिस ने अपराध से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्यों का उल्लेख किया है, जिसमें ऑटोरिक्शा, पीड़िता के खून से सने कपड़े (पैंट और सलवार) और अपराध के समय आरोपितों द्वारा पहने गए कपड़े शामिल हैं। जब्त किए गए साक्ष्यों में प्रभु, प्रमोद और शमसुल के कपड़े, शमसुल की टोपी, बेल्ट और जूते शामिल हैं।
ओड़िया अनुवादक को बताई दरिंदगी की दास्तां
पुलिस ने आरोप पत्र में महिला के स्वास्थ्य का भी उल्लेख किया और बताया कि कैसे एक महिला कॉन्स्टेबल ने एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उसकी देखभाल की। अनुवादक की मदद से वे महिला से बातचीत करने में सफल हुए।
पीड़िता से घटना में शामिल आरोपितों की संख्या के बारे में पूछा गया, तो महिला ने अपनी अंगुलियां उठाकर तीन का इशारा किया। फिर उसने महिला कॉन्स्टेबल और ओड़िया अनुवादक को और जानकारी देते हुए बताया कि उनमें से एक विकलांग था और उन्होंने ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल किया था।
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