महाकुंभ में हर दिन लाखों लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। देशभर से साधु-संत भी यहां पहुंचे हैं। अलग-अलग अखाड़ों के साधु-संत अपने शिष्यों के साथ महाकुंभ में डेरा जमाए हुए हैं।प्रयागराज में साधु-संतों और श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस महाकुंभ से निकले कई साधु-संत अपनी अलग-अलग खूबियों की वजह से चर्चा का केंद्र बन गए हैं। फिर चाहे बात आईआईटीयन बाबा की हो या फिर सबसे खूबसूरत साध्वी के तौर पर मशहूर हर्षा रिछारिया की।
हर्षा रिछारिया का नया वीडियो आया सामने
पूरा सोशल मीडिया हर्षा रिछारिया की तस्वीरों और वीडियो से भरा पड़ा है। गूगल पर हर्षा रिछारिया का नाम सर्च करते ही उनसे जुड़ी सैकड़ों न्यूज लिंक सामने आ रही हैं। लेकिन इस सारी लोकप्रियता के बीच अब हर्षा रिछारिया का एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने उनके चाहने वालों को बड़ा झटका दिया है।
हर्षा रिछारिया ने महाकुंभ छोड़ने का किया ऐलान
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी श्री कैलाशानंदगिरी जी महाराज की शिष्या होने का दावा करने वाली हर्षा रिछारिया महाकुंभ छोड़ने जा रही हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें हर्षा ने एक संत पर गंभीर आरोप लगाए और महाकुंभ छोड़ने की बात कही।
फूट-फूटकर रोती नजर आईं हर्षा रिछारिया
इस वीडियो में हर्षा रिछारिया फूट-फूटकर रोती नजर आ रही हैं। रोते हुए हर्षा कहती हैं, "आपको शर्म आनी चाहिए कि एक लड़की जो धर्म से जुड़ने, धर्म को समझने, सनातन संस्कृति को समझने आई थी। आपने उसे पूरे कुंभ में रहने की स्थिति में नहीं छोड़ा। वो कुंभ जो हमारे जीवनकाल में एक बार आता है। आपने उस कुंभ को एक व्यक्ति से छीन लिया। मुझे इसके पुण्य का तो पता नहीं लेकिन इस आनंद स्वरूप जी को इसका पाप जरूर लगेगा।"
इससे अच्छा है कि मैं महाकुंभ छोड़ दूं: हर्षा रिछारिया
हर्षा रिछारिया ने आगे कहा कि यहां कुछ लोगों ने मुझे धर्म से जुड़ने का मौका नहीं दिया। मुझे संस्कृति में डूबने का मौका नहीं दिया। इस कुटिया में रहकर मुझे लगता है कि मैंने बहुत बड़ा अपराध किया है। जबकि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। पहले मैं पूरे महाकुंभ में रहने के इरादे से आई थी। अगर मुझे 24 घंटे इस कमरे की देखभाल करनी है तो बेहतर है कि मैं महाकुंभ छोड़ दूं। इस वायरल वीडियो में जिस संत आनंद स्वरूप पर हर्षा रिछारिया ने कुंभ छोड़ने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है, वह शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी हैं। आनंद स्वरूप जी महाराज ने हाल ही में निरंजनी अखाड़े की पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया को रथ पर बैठाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। आनंद स्वरूप जी ने कहा कि धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। इससे बचना चाहिए। इस कदम को समाज में गलत संदेश फैलाने वाला बताया और कहा कि अगर साधु-संत इसे बंद नहीं करेंगे तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। स्वामी आनंद स्वरूप जी ने आगे कहा कि साधु-संतों को भोग नहीं त्याग की परंपरा का पालन करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि एक आचार्य महामंडलेश्वर का मॉडल को रथ पर बैठाकर अमृत स्नान के लिए जाना समाज के लिए उचित नहीं है। इससे श्रद्धालुओं की आस्था धीरे-धीरे कमजोर हो रही है। यह भी कहा गया कि साधु-संतों को समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए न कि केवल धार्मिक होने का दिखावा करना चाहिए।
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