इस्माईल नगर स्थित अपने घर में छिपकर रह रहे हिस्ट्रीशीटर सलमान ने बुधवार को पुलिस को आता देख छत से कूदकर भागने का प्रयास किया। इस दौरान उसके पैर की हड्डी टूट गई। वह नवंबर माह से जिला बदर चल रहा था। सलमान करीब आठ माह पूर्व जमानत पर जेल से बाहर आया था। नवंबर 2024 में एडीएम सिटी ने उसके खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई की थी। इसके बाद 21 नवंबर को छह माह के लिए जिला बदर घोषित कर उसके घर नोटिस चस्पा कर दिया गया था। 22 नवंबर को उसकी बारात बुलंदशहर के सिकंदराबाद कस्बे में गई थी। बारात वापस लौट आई थी, लेकिन सलमान दुल्हन के साथ ससुराल में ही रुक गया था। 26 नवंबर को सदर क्षेत्र स्थित कैसल व्यू में वलीमा भी सलमान की गैरमौजूदगी में हुआ था। सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार ने बताया कि बुधवार को सूचना मिली थी कि सलमान छिपकर अपने घर में रह रहा है। इस पर पुलिस इस्माईल नगर पहुंची थी। उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सलमान और शारिक के बीच चल रही गैंगवार
वर्चस्व की जंग को लेकर पार्षद आरिफ और माफिया शारिक के बीच करीब 10 वर्ष पूर्व गैंगवार शुरू हुई थी। दोनों ओर से कई लोगों की हत्याएं हुईं। पार्षद आरिफ और उसके दोस्त शादाब उर्फ भूरा की हत्या कर दी गई थी। आरिफ के बाद उसके भतीजे सलमान ने गैंगवार को जारी रखा। जेल जाने के बाद भी दोनों गिरोह के बदमाश वारदात कराते रहे। पार्षद आरिफ और शादाब हत्याकांड में शारिक अपने पुत्र और तीन भाइयों के साथ जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जबकि सलमान फिलहाल जमानत पर है। दोनों गैंग का आतंक बढ़ता देख पुलिस ने शारिक का गैंग डी-103 और सलमान का गैंग डी-170 के नाम से पंजीकृत करा दिया था।
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