मेरठ। देहली गेट थाने के सामने सरेबाजार बैट्री फटने से ई-रिक्शा में आग लग गई। ई-रिक्शा में बैठा एक छात्र झुलस गया। वहीं, चालक और अन्य दो युवक कूदकर भाग गए। बैट्री के फटने से हुए धमाके की आवाज से बाजार में भगदड़ का माहौल बन गया।आवाज इतनी तेज थी कि लोगों ने कानों पर हाथ रख लिया था। आसपास के लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। लोगों ने झुलसे छात्र को जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया।
देहली गेट के पूर्वा महावीर निवासी 15 वर्षीय तालिब कक्षा 10वीं का छात्र है। मंगलवार दोपहर 12 बजे वह दो दोस्तों के साथ ई-रिक्शा में घंटाघर से केसरगंज चौकी की तरफ जा रहा था। देहली गेट थाने के सामने शार्ट सर्किट से ई-रिक्शा की बैट्री फट गई। इससे ई-रिक्शा में आग लग गई।
चालक और दो युवक तो ई-रिक्शा से कूद गए, लेकिन तालिब नहीं भाग सका। आग की चपेट में आने से उसका चेहरा और दोनों हाथ झुलस गए। थाना प्रभारी महेश चंद्र शर्मा का कहना है कि अभी तक इस संबंध में कोई तहरीर नहीं मिली है। ई-रिक्शा किसका था और उसमें छात्र के अलावा कौन बैठा था... इस बारे में पता कराया जा रहा है। छात्र और उसके स्वजन अभी इस बारे में कुछ नहीं बता रहे हैं।
धमाका होते ही मची भगदड़
ई-रिक्शा की बैट्री फटने से हुए धमाके से बाजार में भगदड़ मच गई। बाजार में काफी भीड़ रहती है। धमाका होते ही चंद सेकेंड में ई-रिक्शा के आसपास करीब 20 मीटर तक का क्षेत्र पूरी तरह से खाली हो गया। थाने के अंदर मौजूद पुलिसकर्मी भी बाहर निकल आए। जब ई-रिक्शा जलने लगी तो लोगों को मामला समझ में आया।
नाबालिग और बुजुर्ग दौड़ा रहे शहर में ई-रिक्शा
शहर में इस समय करीब 40 हजार ई-रिक्शा दौड़ रही हैं। अधिकांश ई-रिक्शा नाबालिग और बुजुर्ग चला रहे हैं। यातायात और थाना पुलिस के सामने से यह लोग आराम से ई-रिक्शा लेकर निकल जाते हैं। पुलिस इन पर कार्रवाई तक नहीं कर रही है।
लगातार हो रही कार्रवाई, 30 ई-रिक्शा सीज
यातायात इंस्पेक्टर विनय कुमार शाही का कहना है कि अवैध रूप से चल रही ई-रिक्शा के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। जिस ई-रिक्शा की फिटनेस सही नहीं है, चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है या फिर नाबालिग व बुजुर्ग इसे चला रहे हैं... इन पर प्रतिदिन कार्रवाई की जाती है। मंगलवार को 30 ई-रिक्शा सीज की गई। यह अभियान लगातार जारी रहेगा।
एसिड बैट्री में ब्लास्ट और शार्ट सर्किट का होता है खतरा
शहर में चल रही अधिकांश ई-रिक्शा में एसिड बैट्री लगी है। इन बैट्रियों में ब्लास्ट और शार्ट सर्किट होने का खतरा बना रहता है। हालांकि इस समय जो नए ई-रिक्शा आ रहे हैं, उनमें लीथियम आयरन बैट्री होती है, जिसमें ब्लास्ट होने का खतरा नहीं के बराबर होता है। केंद्र सरकार की तरफ से तय एजेंसियों में से किसी एक से अनुमति लेने के साथ चेसिस नंबर और परिवहन विभाग से रजिस्ट्रेशन नंबर लेना जरूरी होता है
नजर नहीं आती हरे रंग की प्लेट
यातायात इंसपेक्टर विनय कुमार शाही ने बताया कि शहर में चल रहे अधिकतर ई-रिक्शा में रजिस्ट्रेशन नंबर ही दिखाई नहीं देते। नियमों के अनुसार, ई रिक्शा का रजिस्ट्रेशन होने के बाद हरे रंग की प्लेट और उस पर रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होना चाहिए। शहर में ऐसे हजारों ई-रिक्शा चल रहे हैं, जिन पर कोई नंबर नहीं लिखा हुआ है।
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