शामली-करनाल बाॅर्डर पर बदमाशों से हुई मुठभेड़ के दौरान घायल हुए एसटीएफ इंस्पेक्टर उपचार के दौरान बुधवार को बलिदान हो गए। जाबांज इंस्पेक्टर सुनील कुमार को चार बदमाशों को ढेर करने के दौरान तीन गोलियां लगी थीं।दो गोली पेट और तीसरी गोली लिवर में लगी थीं। वहीं इस मुठभेड़ में चार बदमाश ढेर हुए थे। मंगलवार को घायल इंस्पेक्टर के पेट से चिकित्सकों ने तीन गोलियां निकाली थीं, जिसके बाद वे चिकित्सकों की देख रेख में थे। गुरुवार को उनका बलिदान हुआ।
गुरुग्राम में चल रहा था उपचार
उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टर्स ने दो गोली निकाल दी थीं लेकिन लिवर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। सुनील कुमार 1990 में पुलिस में भर्ती हुए और 2002 से एसटीएफ में तैनात चल रहे थे।
पांच लाख के इनामी समेत इन बदमाशों को किया था ढेर
इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने पांच लाख के इनामी अम्बिका पटेल उर्फ ठोकिया, 50 हजारी उमर केवट, सवा लाख के इनामी आदेश बालियान, अनिल दुजाना, सोनू मटका आदि कुख्यात बदमाशों को ढेर किया था।
इन बदमाशों की गिरफ्तारी में निभाई अहम भूम
वर्ष 2012-13 में मेरठ यूनिट में रहते हुए सुनील ने एक-एक लाख के इनामी सुशील मूंछ , बदन सिंह बद्दो और भूपेंद्र बाफर को गिरफ्तार करने में भी सफलता हासिल की थी !
आज पुलिस लाइन में राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
गुरुवार को बलिदानी इंस्पेक्टर सुनील कुमार का विरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर गुरुग्राम से सीधा पुलिस लाइन ले जाया गया, वहां सैनिक सम्मान के साथ विदाई दी गई। इस दौरान बलिदानी सुनील कुमार का बेटा भी पिता को श्रद्धांजलि देते हुए बिलख पड़ा।
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