कानपुर। पान मसाला की फैक्ट्री के मशीनें लेकर हिमाचल चले जाने के बाद 15 जनवरी को राज्य कर विभाग की निगरानी बहुत कम फैक्ट्रियों तक सिमट गई। 15 जनवरी को 16 से 21 जनवरी तक के लिए जारी आदेश में अब सिर्फ मधु जर्दा, मधु, शिखर, केसर, शुद्ध प्लस पान मसाला को ही निगरानी में रखा है।बाकी सभी को बाहर कर दिया गया।
कानपुर देहात की एक फैक्ट्री के साथ ट्रांसपोर्ट नगर की एक फैक्ट्री के काम बंद कर देने से वहां की निगरानी हटा ली गई। जो फैक्ट्री कानपुर से चली गई है, उसके ही एक अन्य चर्चित ब्रांड से भी निगरानी हटा ली गई। दरअसल पान मसाला उद्यमी ने साफ कर दिया है कि वह दूसरे ब्रांड की भी एक-दो मशीनें छोड़कर बाकी सभी मशीनें हिमाचल ले जा रहे हैं। पान मसाला फैक्ट्रियों ने पलायन और काम बंद करना शुरू कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश शिफ्ट हुई फैक्ट्री
पनकी इंडस्ट्रियल में एक फैक्ट्री चली गई, उसके साथ की दूसरी फैक्ट्री भी पनकी इंडस्ट्रियल एरिया में है। वह भी अपनी 90 प्रतिशत से ज्यादा मशीनें ले जाने की तैयारी कर चुकी है। उसका प्रभाव पिछले दो माह में पहली बार राज्य कर विभाग के निगरानी आदेश पर नजर आया है।
23 नवंबर को जारी किए गए पहले आदेश में एसएनके, गगन, सर, रायल, शिखर, केसर, सिग्नेचर, शुद्ध प्लस, तिरंगा, किसान, मधु पान मसाला, मधु जर्दा की फैक्ट्रियों पर निगरानी के आदेश हुए थे। कुल 14 प्वाइंट थे क्योंकि कुछ फैक्ट्रियों के गेट पर निगरानी लगानी पड़ी थी। उसके बाद से दो फैक्ट्रियों का उत्पादन पूरी तरह बंद भी हो गया।
फैक्ट्रियों ने 10 प्रतिशत किया उत्पादन
कई फैक्ट्रियों ने अपना उत्पादन 10 प्रतिशत के आसपास कर दिया है। इसकी वजह से ही 15 जनवरी को जो आदेश जारी किया गया, उसमें पान मसाला फैक्ट्रियों पर 14 की जगह मात्र पांच टीमें ही बची हैं। इसमें मधु पान मसाला के अलावा मधु जर्दा, शिखर, केसर व शुद्ध प्लस पर एक-एक टीम ही निगरानी के लिए बची हैं। अब एसएनके, गगन, सर, रायल, सिग्नेचर, तिरंगा, किसान पान मसाला पर कोई निगरानी नहीं है। इसके अलावा उन्नाव में रिमझिम इस्पात पर निगरानी जारी है।
एक टिप्पणी भेजें