मेरठ। जिलाधिकारी डॉ. वीके सिंह ने बुधवार को प्यारेलाल शर्मा जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। दो मरीजों ने उन्हें बताया कि उन्हें नाश्ता नहीं मिला है। मरीजों को दी गईं दो दवाएं ऐसी थीं, जिनकी एक्सपायरी डेट इसी साल फरवरी और मार्च में थी।मेस में मसाले पैकेट से अलग डिब्बों में भरे हुए थे। इन पर जिलाधिकारी भड़क गए। उन्होंने कहा कि अगर एक सप्ताह के भीतर व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी सुबह करीब 9:30 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। उनके साथ अपर जिलाधिकारी नगर बृजेश सिंह और नगर मजिस्ट्रेट अनिल कुमार भी थे। वह सबसे पहले ओपीडी में गए, जहां गैलरी में ओपीडी नंबर सात के सामने 17 साल की लड़की ज्यादा परेशान थी। उसे उल्टियों की शिकायत थी। डीएम ने तत्काल उसे भर्ती करने के निर्देश दिए। अस्पताल स्टाफ व्हील चेयर लेकर आया और उसे इमरजेंसी में भर्ती कराया। फिजिशियन ओपीडी में न मिलने पर उनके बारे पूछा। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने उन्हें बताया वह राउंड पर गए हुए हैं।
इसके बाद डीएम सर्जरी वार्ड पहुंचे। उन्होंने मरीजों से बात की। वहां दो मरीजों ने बताया कि उन्हें नाश्ता नहींं मिला है। ये मरीज एक्सीडेंट और मारपीट के हैं। इस पर जिलाधिकारी नाराज हुए। अस्पताल स्टाफ ने बताया कि देर रात भर्ती होने की वजह से इनका नाम डाइट चार्ट में नहीं चढ़ा, जिस वजह से नाश्ता नहीं मिला। डीएम ने कहा कि रात में नहीं चढ़ा तो सुबह चढ़ना चाहिए था। उन्होंने मरीजों से यह भी पूछा कि बाहर से दवाएं तो नहीं लिखी जा रहीं। कोई पैसे तो नहीं लेता। सभी मरीजों ने कहा कि कोई पैसे नहीं लेता है और दवाएं भी यहीं से मिलती हैं। फिर डीएम फार्मेसी पहुंचे। दवाओं की जांच की। दो दवाएं ऐसी थीं, जिनकी एक्सपायरी फरवरी और मार्च 2025 में थी। इस पर उन्होंने कहा कि अगर दवा की एक्सपायरी छह माह बाद है तो उस दवा का इस्तेमाल न किया जाए। इनकी एक्सपायरी तो एक-दो माह में ही है, फिर क्यों रखी हुई हैं।
डीएम वहां से मेस पहुंचे। वहां ब्रांडेड मसाले पैक्ड थे और खुले मसाले डिब्बे में भरे हुए थे। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसा क्यों है। इससे मसालों की क्वालिटी खराब होती है। यह मरीजों के लिए सही नहीं है। मसाले अगर डिब्बे में रखने हैं तो पैकेट के साथ रखें जाएं। उन्होंने आटे में पड़ी छलनी देखकर कहा कि आटा छाना न जाए, इसमें फाइबर होता है। आटे से फाइबर न निकाला जाए। उन्होंने इंटर्नशिप करने आए छात्रों को एप्रन व आई कार्ड पहनने के निर्देश दिए। साथ ही अस्पताल परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के लिए कहा। बाद में अल्ट्रासाउंड सेंटर होते हुए आखिर में इमरजेंसी पहुंचे और करीब 10 बजे वहां से निकल गए।
जन औषधि केंद्र मिला बंद
जिला अस्पताल स्थित जनऔषधि केंद्र पिछले करीब डेढ़ माह से बंद है। पुराना टेंडर खत्म कर नया टेंडर दिया गया है। नए टेंडर वाले ने अभी खोला नहीं है। इसका टेंडर लखनऊ से होता है। यह जिला अस्पताल के अधीन नहीं आता है। जिलाधिकारी ने जन औषधि केंद्र बंद होने का कारण भी पूछा। उन्होंने अधिनस्थों से इसे भी जल्द खुलवाने के लिए निर्देश दिया।
एक टिप्पणी भेजें