मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के नाम पर लंबे समय से फर्जी डिग्रियां बनाई जा रही हैं। बड़ा गिरोह इस काम में लगा है। इनके तार उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा और गुजरात तक जुड़े हैं।सीसीएसयू के विजिलेंस विभाग की मानें तो नवंबर से अभी तक करीब दो हजार डिग्रियां जांच के लिए गोपनीय विभाग पहुंचीं। इनमें से 500 से अधिक फर्जी निकलीं। इसकी जानकारी संबंधित संस्था और राज्यों को दे दी गई है।
सीसीएसयू के नाम की फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अभी तक सरकारी विभाग नौकरी प्राप्त करने वालों का सत्यापन कराते थे, लेकिन अब प्राइवेट नौकरी देने वाले संस्थान भी सत्यापन करा रहे हैं। सीसीएसयू के गोपनीय विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नवंबर से अब तक 500 से ज्यादा डिग्री फर्जी निकली हैं, अभी भी काफी डिग्रियों की जांच बाकी है।सोमवार को भी विवि से संबद्ध कॉलेजों के नाम पर बनवाई गईं लॉ की डिग्रियां फर्जी निकलीं। बार काउंसिल ऑफ दिल्ली द्वारा भेजी गईं यह डिग्रियां 2015 से 2023 तक विवि के अलग-अलग एडेड कॉलेजों के नाम की हैं। छात्रों को विवि के नाम पर जो मार्कशीट जारी की गई उन सभी में गलत रोल नंबर दर्ज थे।
विवि ने सभी मार्कशीट की रिपोर्ट काउंसिल को भेज दी है। हाल के महीनों में किसी संस्था द्वारा जांच को भेजी गईं मार्कशीट में ये सबसे ज्यादा रहीं। विवि प्रशासन के अनुसार मार्कशीट पर छात्रों को जो अनुक्रमांक दर्ज थे, वे रिकॉर्ड में आवंटित नहीं हुए हैं। मार्कशीट में विवि प्रशासन के अधिकारियों के साइन भी फर्जी प्रयुक्त हुए थे।
झांसे में न आएं छात्र
विवि प्रशासन के अनुसार छात्र किसी के झांसे में न आएं। विवि में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर परीक्षा फॉर्म तक सब ऑनलाइन है और तय प्रक्रिया से ही आवेदन होते हैं। फिलहाल विवि का मुख्यालय मेरठ में है और अन्य किसी भी जिले में कोई अधिकृत कार्यालय नहीं है।सीसीएसयू से संबंधित छह जिलों में कॉलेजों की सूची वेबसाइट पर मौजूद है। ये कॉलेज विवि से जारी मेरिट से प्रवेश लेते हैं और परीक्षा फॉर्म भरवाते हैं। विवि के अनुसार छात्र किसी भी तरह के प्रवेश, आवेदन या परीक्षा से पहले अधिकृत वेबसाइट से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लें अथवा विवि कैंपस में आकर पता कर लें।
इनका है कहना
बार काउंसिल में पंजीकरण कराने वाले सभी छात्रों की मार्कशीट की जांच अनिवार्य है। इसी क्रम में विभिन्न राज्यों की बार काउंसिल से विवि कैंपस में लगातार मार्कशीट सत्यापन को पहुंच रही हैं। काफी डिग्रियों का विवि में रिकॉर्ड नहीं मिला है। इसकी जानकारी संबंधित संस्था का दे दी गई है। - धीरेंद्र कुमार, रजिस्ट्रार, सीसीएसयू
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