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मंगलवार, 14 जनवरी 2025

गाजियाबाद: बुलडोजर से हटाईं सेना की जमीन पर बनीं 1500 झुग्गियां

 


रक्षा संपदा विभाग की विजयनगर के भोवापुर में स्थित 161.5116 एकड़ जमीन से सोमवार को अवैध कब्जा हटा दिया गया। चांदमारी (आर्मी शूटिंग रेंज) की इस बेशकीमती जमीन पर यह अतिक्रमण 40 साल पहले किया गया था।मेरठ से आए सेना के अधिकारियों ने पुलिस और पीएसी की मौजूदगी में इस अतिक्रमण को महज चार घंटे में साफ करा दिया। सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चली बुलडोजर की कार्रवाई में 1.5 हजार स्थाई और अस्थाई झुग्गियां हटाई गईं।

रक्षा संपदा कार्यालय मेरठ मंडल के एसडीओ वीके गुप्ता ने बताया कि जमीन को खाली कराने के लिए पहले नोटिस जारी किए गए। इसके बाद पिछले चार दिन से मुनादी भी कराई जा रही थी। इसका पूरा ख्याल रखा गया कि कार्रवाई से जन-धन की हानि न हो। सेना की जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहे लोगों को पहले ही बता दिया गया था कि या तो वे खुद ही झुग्गियां हटा लें या फिर इन्हें जेसीबी से हटाया जाएगा।

सुबह साढ़े आठ बजे ही पुलिस, पीएसी और सेना के अधिकारी पहुंच गए। कार्रवाई के लिए मंगाए गए बुलडोजर को देख झुग्गियों में रह रहे लोग खुद ही अपना सामान समेटने लगे। आधे घंटे बाद झुग्गियों पर बुलडोजर गरजना शुरू हुआ। इसके पीले पंजे ने दोपहर तीन बजे तक पूरी जमीन खाली कर दी।

कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन की कोशिश की लेकिन, पुलिस और पीएसी के सामने उनकी एक न चली। दो दिन पहले भी कुछ लोगों ने झुग्गियों के बाहर प्रदर्शन कर सर्दी के दिनों में कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया था। इसका कोई असर नहीं हुआ। सेना की ओर से मुनादी कराए जाने का काम जारी रहा और सोमवार को कार्रवाई कर दी गई। एसीपी रितेश त्रिपाठी ने बताया कि सेना के अधिकारियों के कहने पर कार्रवाई के दौरान थाना पुलिस के साथ दो प्लाटून पीएसी भी लगाई गई।

झुग्गी टूटती देख महिला की तबीयत बिगड़ी 

अवैध कब्जा हटाए जाने की कार्रवाई के दौरान रुखसाना (38) की हालत बिगड़ गई। वह झुग्गी पर बुलडोजर चलाए जाने का विरोध कर रही थीं। इसी दौरान वह जमीन पर गिर पड़ीं। आसपास मौजूद लोग उन्हें अस्पताल ले गए। लोगों ने बताया कि ऐसे लग रहा है जैसे उन्हें दिल का दौरा पड़ा हो। उन्हें एमएमजी जिला अस्पताल ले जाया गया। सीएमएस डाॅ. राकेश कुमार ने बताया कि रुखसाना को दिल का दौरा नहीं पड़ा था। वह बेहोश हो गई थीं।

सांसद-विधायक ने की थी कार्रवाई के लिए मांग

सेना की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की मांग लेकर भाजपा सांसद अतुल गर्ग और विधायक संजीव शर्मा रक्षा मंत्री से मिले थे। इसके बाद ही सेना के अधिकारियों की ओर से जमीन खाली करने के नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस मिलते ही कुछ लोगों ने झुग्गियों से सामान समेट लिया था। बाकी लोगों ने सामान नहीं हटाया था।

सर्दी में सिर से छिनी छत तो आंखों से निकल आए आंसू

अनुराग श्रीवास्तव

गाजियाबाद। काहे उजाड़ रहे हो साहब... कहां जाएंगे? छोटे-छोटे बच्चे हैं, कुछ तो रहम खाओ। हटाने से पहले बसाने के लिए कुछ इंतजाम तो कर देते साहब। अगर हम पढ़े लिखे और पैसे वाले होते, तो न तो झुग्गी में रहते और न ही कबाड़ बीनकर पेट पालते। एक तो भगवान ने ऐसी किस्मत लिखी ऊपर से यह सरकार है... यह दर्द है 75 वर्ष के सर्फुद्दीन का, जिनकी झुग्गी झोंपड़ी पर उनकी आंखों के सामने बुलडोजर चल गया।

यह सिर्फ सर्फुद्दीन नहीं, बल्कि सेना की जमीन पर झुग्गी डालकर रह रहे सभी लोगों की पीड़ा है। कड़ाके की सर्दी में सिर से छत छिनी तो ये लोग बिलखने लगे और आंखों से आंसू निकल आए। सर्फुद्दीन ने बताया कि लगभग 10 वर्ष से यहां पर झुग्गी डालकर परिवार के साथ रह रहे हैं। कुछ दिन पहले ही अफसर आए और बोले की यह जमीन सेना की है। इसे खाली करना होगा।

कार्रवाई के दौरान चार साल का राहुल और पांच साल की रिद्धि टीवी और सामान को बचाने के लिए गुहार लगाते रहे। बार-बार टीवी टूट जाएगा। अंदर खिलौने, कपड़ा सब कुछ पड़ा है, लेकिन कार्रवाई के दौरान किसी की एक न सुनी गई।

मोहम्मद जावेद, रूबी और आशफा का कहना था कि सरकार की ओर से तमाम योजनाएं हम गरीबों के लिए चलाई जाती है। लेकिन हकीकत यह है कि कभी कुछ मिला नहीं। पक्का मकान देने की भी योजना है लेकिन यहां किसी को नहीं मिला। अगर सरकार से मकान मिल जाए तो झुग्गी में कौन रहना चाहता है।

मसूरी में 5100 और सिद्धार्थ विहार में 10000

वर्ग मीटर जमीन कराई कब्जामुक्त 

गाजियाबाद। मसूरी और सिद्धार्थ विहार में करीब 15 हजार जमीन पर चल रहे अवैध निर्माण को सोमवार को जीडीए की टीम ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करा दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने विरोध भी किया लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल ने विरोध कर रहे लोगों को खदेड़ दिया और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।

अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि जोन पांच में मसूरी के निकट सरकारी जमीन खसरा संख्या 387 और 389 पर अवैध ढंग से अवैध निर्माण चल रहा था। यह अवैध निर्माण करीब 5100 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर किया जा रहा था। शिकायत के बाद जीडीए के प्रवर्तन दल ने मौके पर पहुंचकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। कुछ राजनीतिक व्यक्तियों और स्थानीय लोगों ने आपत्ति जताने का प्रयास किया, जिन्हें अधिकारियों द्वारा मौके पर ही सुनवाई के बाद शांत कराया गया।

वहीं, सिद्धार्थ विहार में खसरा संख्या 655 के निकट 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में काटी जा रही अवैध कॉलोनी को भी ध्वस्त किया गया। भविष्य में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई जारी रहेगी। लोगों से अपील की गई है कि वह अवैध कॉलोनियों में प्लॉट या मकान खरीदने से बचें और किसी भी संपत्ति की खरीद से पहले उसकी वैधता की जांच अवश्य करें। निर्माण का जीडीए से यदि मानचित्र पास नहीं है तो प्लॉट या फ्लैट न खरीदें।

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