लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दक्षिणांचल और पूर्वांचल विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने कर्मचारियों के भविष्य को लेकर उठ रहे सवालों का स्पष्ट उत्तर देने का प्रयास किया है।
कॉर्पोरेशन ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्मचारियों की छंटनी का कोई प्रश्न नहीं उठेगा, और न ही उनके पदों में कोई कमी की जाएगी। साथ ही, कर्मचारियों के वेतन और अन्य लाभों में भी कोई कटौती नहीं होगी। उनके लिए पेंशन और चिकित्सा सुविधाएं पहले जैसी बनी रहेंगी और बिजली की सुविधा भी रियायती दरों पर मिलती रहेगी।
आपको बता दें की इस प्रकार, यह बयान कर्मचारियों को आश्वस्त करने का प्रयास है कि रिफार्म प्रक्रिया के दौरान उनकी सेवाओं और फायदे में कोई कमी नहीं होगी। साथ ही यूपी में बिजली कर्मचारियों की सेवा शर्तों में किसी तरह के कोई बदलाव नहीं किये जाएंगे।
1 .वर्तमान स्थान पर बने रहना: जो कर्मचारी निजीकरण के बाद भी अपनी वर्तमान नौकरी पर बने रहना चाहते हैं, उनके पद और सेवा शर्तें पहले जैसी रहेंगी।
2 .स्थानांतरण का विकल्प: निजीकरण के बाद भी कर्मचारी यूपीपीसीएल या किसी अन्य डिस्काम में स्थानांतरित हो सकते हैं।
3 .स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस): यदि कर्मचारी वीआरएस का चयन करते हैं, तो उनके लिए कोई आयु सीमा या सेवा सीमा नहीं होगी, यानी 20 साल से कम सेवा वाले कर्मचारी भी वीआरएस ले सकते हैं। यह पूरी व्यवस्था पहले की तरह ही रहेगी।
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