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सोमवार, 23 दिसंबर 2024

पुलिस ने लिए मुर्दे के बयान, उससे हस्ताक्षर भी कराए! घोर लापरवाही पर चार दरोगाओं के खिलाफ FIR


 आगरा में हरीपर्वत थाने में तैनात रहे चार दरोगाओं का हिला देने वाला कारनामा सामने आया है। मुर्दा के बयान लिए गए। उसे नोटिस तामील कराया गया। उससे हस्ताक्षर कराए गए। साक्ष्यों के आधार पर मुर्दा के खिलाफ धोखाधड़ी के मुकदमे में चार्जशीट लगाई गई।इतना ही नहीं वादी ने मुकदमे में विवाद की घटना आरोपित की मौत के दो साल बाद की दिखाई। केस डायरी के अवलोकन के बाद चार्जशीट में आरोपित बनाए एक अन्य व्यक्ति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हरीपर्वत थाने में तैनात रहे चार दरागाओं और श्रीराम फाइनेंस के मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

मुकदमा दयानंद नगर, नगला पदी निवासी मंगल सिंह राना ने दर्ज कराया है। प्रताप सिंह ने श्रीराम फाइनेंस से 143381 रुपये लोन लिया था। मंगल सिंह लोन में गारंटर थे। फाइनेंस कंपनी का ऑफिस दीवानी चौराहे के पास विनायक मॉल में है। मंगल सिंह ने पुलिस और फाइनेंस कंपनी के मैनेजर के खिलाफ कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया।

बताया कि 26 अगस्त 2018 को हरीपर्वत थाने में कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी का एक मुकदमा दर्ज हुआ। हरीपर्वत थाने में तैनात रहे दरोगा मनीष कुमार, राजीव तोमर, राकेश कुमार और अमित प्रसाद ने मुकदमे की विवेचना की। मुकदमे में श्रीराम फाइनेंस कंपनी के मैनेजर नवीन गौतम ने अगस्त 2018 को प्रताप सिंह के साथ विवाद होना भी लिखाया था। विवेचक अमित प्रसाद ने पर्चा संख्या पांच में वादी मुकदमा के बयान दर्ज किए। नवीन गौतम ने एफआईआर का समर्थन किया। प्रताप सिंह के साथ विवाद होने की पुष्टि की। प्रताप सिंह का देहांत 12 सितंबर 2016 को हो गया था। 28 सितंबर 2016 को उनका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हुआ था। मौत के लगभग दो साल बार उनका फाइनेंस कंपनी के मैनेजर से विवाद कैसे हो सकता था। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण नहीं किया। निजी स्वार्थ के लिए मिथ्या साक्ष्य संकलित किए। इतना नहीं विवेचना अमित प्रसाद ने पर्चा नंबर 12 में प्रताप सिंह के बयान दर्ज किए।

इतना ही नहीं उन्हें 41 ए का नोटिस तामील कराया। पर्चे पर उनके हस्ताक्षर कराए। कोई मुर्दा व्यक्ति नोटिस कैसे ले सकता है। हस्ताक्षर कैसे कर सकता है। इससे इतना तो साफ है कि प्रताप सिंह के फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। साक्ष्यों के आधार पर धारा 318 व 339 के तहत मुकदमे के आदेश दिए थे। चार दरोगा और फाइनेंस कंपनी का मैनेजर मुकदमे में नामजद है।

चर्चित रहा है अमित प्रसाद 

एसआई अमित प्रसाद की पदोन्नति हो चुकी है। पूर्व में उसकी तैनाती एत्मादुद्दौला थाने में थी। एक अंडर ट्रेनिंग महिला दरोगा ने तत्कालीन इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए थे। इंस्पेक्टर ने अपने बयानों में कहा था कि अंडर ट्रेनिंग महिला दरोगा ने अमित प्रसाद के कहने पर ऐसा किया है। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने तत्कालीन इंस्पेक्टर और अमित प्रसाद को निलंबित किया था।


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