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रविवार, 15 दिसंबर 2024

नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंद्र सिंह यादव के ठिकानों पर छापा, सरकारी नौकरी और संपत्ति बेहिसाब


 नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंद्र सिंह यादव (वर्तमान में निलंबित) के ठिकानों पर मेरठ की विजिलेंस टीम ने छापामार कार्रवाई की। शनिवार को सुबह से लेकर देर रात तक उनके गौतमबुद्धनगर स्थित आवास और इटावा जनपद के मलाजनी गांव में बेटे के स्कूल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया।इसमें कई करोड़ रुपये की संपत्ति से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्य जांच टीमों को मिले हैं।

एएसपी विजिलेंस मेरठ सेक्टर इंदु शेखर ने बताया कि रविंद्र सिंह यादव के विरुद्ध जांच में आय से अधिक संपत्ति पाए जाने पर रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। अंतिम आख्या में की गई संस्तुति को स्वीकारते हुए शासन ने उनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना के आदेश दिए थे। थाना उप्र सतर्कता अधिष्ठान मेरठ सेक्टर में मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरान कोर्ट से सर्च वारंट प्राप्त कर शनिवार सुबह से देर रात तक टीमों ने सर्च कार्रवाई की।

इस दौरान सामने आया कि रविंद्र सिंह यादव के नोएडा स्थित तीन मंजिला आवास की वर्तमान कीमत करीब 16 करोड़ रुपये है। आवासीय परिसर में लगे भौतिक सुख सुविधा के सामान व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की अनुमानित कीमत 37 लाख रुपये है। उनके और परिजनों के पास से 62.44 लाख रुपये के आभूषण और 2.47 लाख की नकदी मिली। आवास से मिले पासपोर्ट से आरोपी के परिजनों की विदेश यात्रा का पता लगाया जा रहा है। आवासीय परिसर के बाहर मिली इनोवा व क्विड कार की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंकों में 6 खातों, पॉलिसी व निवेश संबंधी कागजात मिले हैं। इनकी विस्तृत जानकारी की जा रही है। आरोपी के लगभग एक दर्जन भूमि खरीद अभिलेखों की जानकारी हुई है। इसकी जांच कराई जा रही है।

बेटे के नाम इटावा में करोड़ों की कीमत का स्कूल

आवास से ही अरिसटोटल वर्ल्ड स्कूल, मलाजनी, तहसील जसवंतनगर, इटावा के पंजीकरण के कागजात मिले। सर्च के दौरान सामने आया कि स्कूल की भूमि व इमारत की वर्तमान कीमत करीब 15 करोड़ रुपये है। स्कूल सोसाइटी के अध्यक्ष आरोपी का पुत्र निखिल यादव है। स्कूल पूर्णतः वातानुकूलित है। इसमें स्मार्ट क्लासेस द्वारा शिक्षण का कार्य किया जा रहा है। स्कूल में लगे सभी उपकरण और फर्नीचर की अनुमानित कीमत 2 करोड़ रुपये है। स्कूल की 10 बसों की अनुमानित कीमत 1.04 करोड़ रुपये है।

2007 में सीबीआई ने की थी जांच

आरोपी ने वर्ष 2007 में नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्याधिकारी के पद पर रहते हुए आईसीएमआर को 9712 वर्ग मीटर सरकारी भूखंड एक प्राइवेट ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी आईसीपीओ आईसीएमआर- सीजीएचएस को नियम विरुद्ध आवंटित किया था। उस समय जांच सीबीआई ने की थी। वर्तमान में विजिलेंस टीम जांच कर रही है। एएसपी ने बताया कि सर्च में अब तक प्राप्त अभिलेखों और साक्ष्यों को जांच में शामिल किया जा रहा है।


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