सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद आवास एवं विकास परिषद में खलबली मची है। अधिकारी जहां अभी आदेश का अध्ययन कराने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं, वहीं सेंट्रल मार्केट की सभी संपत्तियों का रिकॉर्ड भी निकलवाना शुरू कर दिया है।जल्द ही यहां के व्यापारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी के साथ नोटिस भेजे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिए आदेश में आवासीय भवन संख्या 661/6 में भू-उपयोग परिवतर्न कर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त किए जाने के 2014 में दिए हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। भवन स्वामियों को परिसर खाली करने के लिए 90 दिन का समय दिया है। इसके बाद 15 दिन के अंदर परिषद को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करनी होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में उन सभी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं, जिनके रहते हुए आवासीय भवन व्यावसायिक भवनों में तब्दील होते चले गए। शीर्ष कोर्ट के कड़े फैसल से जहां व्यापारियों में निराशा छा गई है वहीं परिषद में भी हड़कंप मचा है। बुधवार को भी अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का लीगल सेल से अध्ययन कराने और उसके बाद आदेश का पालन कराने की बात कही। हालांकि बुधवार को परिषद कर्मी सेंट्रल मार्केट सहित शास्त्रीनगर योजना नंबर 3 और 7 के रिकॉर्ड को भी निकलवाया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों को शीर्ष कोर्ट के आदेश की कापी के साथ नोटिस भेजे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हर हाल में पालन होगा।
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