दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर जलालाबाद के पास रोडवेज की अनुबंधित बस आग का गोला बन गई। चालक की सूझबूझ से बस में सवार सभी 35 यात्री सकुशल बच गए। बस को आग की लपटों से घिरी देख यात्री सहम गए।नगर पंचायत के टैंकर के पानी से आग पर काबू पाया गया। बाद में दमकल की गाड़ी ने पहुंचकर आग बुझाई।
शनिवार दोपहर करीब दो बजे लोनी डिपो की अनुबंधित बस यात्रियों को लेकर सहारनपुर से दिल्ली जा रही थी। बस में महिला व बच्चों समेत करीब 35 यात्री सवार थे। बस में चालक सुलेमान और परिचालक संजीव कुमार थे। जब बस जलालाबाद के बिजलीघर के पास पहुंची तो अचानक उसमें से धुआं उठने लगा। चालक ने बस को हाईवे किनारे रोक दिया और सवारियों को जल्दी उतरने के लिए कहा। धुआं उठता देख यात्रियों में अफरातफरी और चीख-पुकार मच गई।
पलभर में ही बस आग का गोला बन गई। आग की लपटों के साथ चारों और धुआं फैल गया। सूचना पर नगर पंचायत से पानी का टैंकर मौके पर पहुंचा और आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जल चुकी थी। बाद में शामली से दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची। बस चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से बच गया।
चालक सुलेमान ने बताया कि बस डीजल चालित है। आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट लग रहा है, इस बारे में ज्यादा कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यात्रियों को रोडवेज की दूसरी बस में बैठाकर रवाना किया गया।
कब्रिस्तान में आए लोग बने देवदूत
जिस समय बस रूकी तो पास ही कब्रिस्तान में शव दफनाने के लिए लोग पहुंचे हुए थे। बस में धुआं और यात्रियों की चीख पुकार सुनकर वे दौड़े और यात्रियों को बस से उतारने में मदद की। लोगों के उतरते ही बस आग का गोला बन गई। लोगों की सूचना पर तुरंत ही नगर पंचायत के टैंकर पहुंचे और आग पर काबू पाने की कोशिश की। यात्रियों के अनुसार ये लोग तो आज देवदूत ही बनकर आए।
थोड़ी भी देर हो जाती तो हो जाता भीषण हादसा
जिस तरह से बस में आग लगने की घटना हुई, उसमें जरा भी देर हो जाती तो भीषण हादसा हो सकता था। यात्री शमशाद ने बताया कि बस से धुआं उठने का जैसे ही पता चला तो चालक ने बस को साइड में रोक दिया। यात्री जैसे ही बस से नीचे उतरे तो उसके दो तीन मिनट बाद ही बस आग की लपटों से घिर गई। महिला यात्री पूनम ने बताया कि वे बस से उतरे ही थे कि बस मैं आग उठने लगी। समय रहते सभी यात्री बस से उतर गए थे, वरना पता नहीं क्या हो जाता।
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