काशी और संभल के बाद बुधवार को गोंडा में भी ऐतिहासिक मंदिर को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। मुस्लिम बहुल इमामबाड़ा मोहल्ले में स्थित 200 वर्ष पुराने बड़ी संगत मंदिर परिसर पर अवैध कब्जा हो गया था।मंदिर न दिखे, इसके लिए चारों ओर टिनशेड लगवाकर वाहनों की पार्किंग बना ली गई। इसकी सूचना मिलने पर बुधवार को डीएम नेहा शर्मा पुलिस व प्रशासनिक अमले के साथ मौके पर पहुंचीं। मंदिर के पूरे परिसर का जायजा लिया। इसके बाद जेसीबी मंगाकर अवैध कब्जे को हटाने का अभियान शुरू कराया।
डीएम की मौजूदगी में करीब एक घंटे तक चले अभियान में मंदिर के बाहरी हिस्से से अवैध कब्जा हटवा दिया गया। साथ ही कब्जा करने वालों के साथ ही स्थानीय लोगों को हिदायत दी गई कि सभी अपने अतिक्रमण को स्वयं हटा लें। प्रशासन की सख्ती के बाद कुछ स्थानीय लोगों ने कब्जा हटाने में सहयोग भी किया। डीएम ने नगर मजिस्ट्रेट व नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को जिम्मेदारी दी कि मंदिर के एक इंच स्थान पर भी कब्जा न रहने पाए। शाम होने पर अतिक्रमण हटाने का अभियान रोक दिया गया। बृहस्पतिवार सुबह फिर से अभियान चलेगा।
डीएम ने बताया कि मंदिर को पुराने स्वरूप में लाने की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही सभी अवरोध समाप्त हो जाएंगे। मौके पर शांति व्यवस्था के लिए पुलिस बल मुस्तैद है। स्थानीय लोग पूरे सौहार्द से अतिक्रमण हटाने में सहयोग कर रहे हैं।
पुजारी ने लगाई थी गुहार
शहर के इमामबाड़ा मोहल्ले के 200 वर्ष पुराने बड़ी संगत मंदिर परिसर में कुछ स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर टिनशेड लगवा लिया था। रास्ते में वाहन खड़े करने लगे थे। इससे मंदिर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो रहा था। आसपास कबाड़ ढेर कर दिया गया था। कूड़ा-कचरा भी फैला रखा था। मंदिर के पुजारी और भक्तों ने जिलाधिकारी नेहा शर्मा से शिकायत की थी। जिसके बाद बुधवार को वह मौके पर पहुंची थीं। जिलाधिकारी ने कहा, मंदिर पर दोबारा किसी ने कब्जा करने की कोशिश की तो कड़ी कार्रवाई होगी।
नियमित होगी निगरानी
डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मंदिर और उसके आसपास नियमित रूप से सफाई अभियान चलाया जाए। उन्होंने मंदिर की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए विशेष उपाय करने के निर्देश भी दिए। अभियान के दौरान नगर मजिस्ट्रेट पंकज कुमार वर्मा, पुलिस क्षेत्राधिकारी सौरभ वर्मा, अधिशासी अधिकारी संजय कुमार मिश्र और नगर कोतवाल संतोष कुमार मिश्र सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
बड़ी संगत मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराने की इस कार्रवाई को लेकर स्थानीय निवासियों व श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन की सराहना की। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि ऐतिहासिक महत्व भी रखता है।
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