रेनू दिल्ली पुलिस में महिला हवलदार के तौर पर भर्ती हुई थी (बदला हुआ नाम)। लिंग परिवर्तन कराकर वह अब पुरुष बन चुकी है। अपना नाम भी परुषों वाला रख लिया है, लेकिन दिल्ली पुलिस रिकॉर्ड में उसकी नई पहचान को अभी मान्यता नहीं मिल पाई है।पुलिस विभाग के रिकॉर्ड में लिंग बदलने की उसकी मांग नियमों में उलझ कर रह गई है।
पुलिस विभाग का कहना है कि रिकॉर्ड में नाम तो बदला जा सकता है, लेकिन लिंग परिवर्तन को लेकर कोई नियम नहीं है।
रेनू कुमारी ने फरवरी 2020 में दिल्ली पुलिस मुख्यालय से लिंग परिवर्तन कराने के लिए अनुमति मांगी थी। यह मामला दिल्ली के गृह विभाग को भेजा गया था। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर रेनू तत्कालीन विशेष आयुक्त (मुख्यालय) के समक्ष पेश हुई और लिंग परिवर्तन के लिए अनुमति मांगी। विशेष आयुक्त ने फाइल पर लिखा कि उसे किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। यह उसका निजी निर्णय है।
कानूनी राय ली जा रही
इसके बाद रेनू ने मार्च 2023 में लिंग परिवर्तन करा लिया। मई, 2023 में अस्पताल ने उसे इसका प्रमाणपत्र भी दे दिया। अगस्त, 2023 में गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से उसने नाम बदलकर पुरुषों वाला रख लिया। इसके बाद उसने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में अधिकारियों के समक्ष पुलिस रिकॉर्ड में उसका नाम और लिंग बदलने का आवेदन दिया सूत्रों ने बताया कि आवेदन पर विचार करने के बाद तय किया गया कि नाम तो रिकॉर्ड में बदला जा सकता है, लेकिन लिंग बदलने पर कानूनी राय ली जाएगी।
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