शुकतीर्थ घाट पर छह साल पहले गर्भवती बेटी की जहर देकर हत्या के मामले में दोषी पिता को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो कोर्ट संख्या-दो के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने फैसला सुनाया।भोपा थाने में तैनात सिपाही दीपक कुमार 13 अगस्त 2018 को शुकतीर्थ घाट पर तैनात थे। इस दौरान श्मशान घाट की ओर से दौड़ते हुए पहुंचे युवकों ने उन्हें किशोरी के गंभीर हालत में पड़े होने की जानकारी दी। सिपाही किशोरी को लेकर भोपा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
पीड़िता ने मरने से पहले बयान दिया था कि वह गाजियाबाद के सिकरेड़ा गांव की रहने वाली है। उसके पिता ने उसके पानी में जहरीला पदार्थ पिलाया है।
सिपाही की ओर से आरोपी पिता सुंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। पुलिस जांच में सामने आया कि मृतका गाजियाबाद में अपनी बुआ के घर रहती थी। वह अपने पिता के साथ रोहाना में अपने मामा के घर जाने के लिए निकली थी। पिता उसे शुकतीर्थ घाट लेकर पहुंचा और पानी में जहरीला पदार्थ पिला दिया।
अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह पेश किए गए गए थे। पिता पर हत्या का दोष सिद्ध हुआ। दोषी को आजीवन कारावास और 18 हजार रुपये का अर्थदंड अलग-अलग धाराओं में लगाया गया है।
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