इजरायल और हमास के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। गाजा में पिछले साल 7 अक्टूबर को शुरू हुई जंग में अब तक 44 हजार लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच इजरायली रक्षा बलों आईडीएफ ने हमास की क्रूरता का सीसीटीवी फुटेज जारी किया है।वीडियो में कथित तौर पर हमास के आतंकी गाजा के ही लोगों को टॉर्चर कर रहे हैं। बेढ़ियों से हाथ-पैर बांधकर पिटाई कर रहे हैं। आतंकी उन्हें छत से लटकाते हैं, उनके सिर को बोरों से ढकते हैं और पूछताछ के दौरान पिटाई कर रहे हैं।
पौने घंटे का यह वीडियो आईडीएफ ने जारी किया है। वीडियो जारी करते हुए इजरायली रक्षा बल ऐसा दावा कर रहा है कि हमास के लिए सिर्फ इजरायल ही नहीं उसके अपने गाजा के लोग भी दुश्मन हैं। इसकी बानगी इस वीडियो में देखी जा सकती है। वीडियो में ऐसा दावा किया गया है कि हमास आतंकी गाजा के लोगों को टॉर्चर कर रहे हैं। फुटेज में हमास की कूरता साफ तौर पर देखी जा सकती है।
आईडीएफ ने एक बयान में कहा कि उत्तरी गाजा में 2018 और 2020 के बीच कैप्चर किए गए फुटेज को जबालिया में हमास के एक पूर्व बेस से हासिल किया गया है। आईडीएफ के अनुसार, वीडियो में हमास का असली चेहरा दिख रहा है।
आईडीएफ ने कहा, "जो वीडियो फुटेज सामने आई है, उससे पता चलता है कि हमास ने नागरिकों से पूछताछ करने के लिए मानवाधिकारों का उल्लंघन करने तथा उसके आतंकी शासन का विरोध करने वालों से निपटने के लिए क्रूर तरीके अपनाए हैं।"
आईडीएफ द्वारा एक्स पर साझा किए गए लगभग 47 मिनट के वीडियो में आतंकियों को लोगों की कलाईयों और पैरों को जंजीरों से बांधते, उन्हें छत से लटकाते, उनके सिर को बोरों से ढकते और पूछताछ के दौरान मारपीट करते हुए दिखाया गया है। कुछ नागरिकों को उनकी कलाई और टखनों से बांधकर उल्टा लटकाया जा रहा है। इस दौरान पूछताछ करने वाले उनके तलवों पर डंडों से वार कर रहे हैं। कुछ दृश्यों में, बंदी एक पैर पर खड़े होने के लिए संघर्ष कर रहा है। फुटेज में बंदियों को तंग, अंधेरे और गंदे कमरों में भी दिखाया गया है।
फुटेज को सार्वजनिक करने से पहले, आईडीएफ ने डेली मेल को क्लिप उपलब्ध करायी, जिसमें कहा गया कि वह स्वतंत्र रूप से वीडियो की पुष्टि करने में असमर्थ है।
आम लोगों संग कूरता करता है हमास
आईडीएफ लंबे समय से हमास पर उन नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया जाता रहा है जिन पर इसराइल के साथ सहयोग करने या समूह के अधिकार का विरोध करने का संदेह है। मानवाधिकार समूह भी इस तरह के मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने की घटनाओं की रिपोर्ट कर चुके हैं।
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