गन्ने की खरीद मूल्य 550 प्रति क्विंटल का पैसा सरकार को दिया जाए। गन्ना डालने के 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसको लेकर आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मेरठ कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और फिर डीएम को ज्ञापन दिया।जिलाध्यक्ष बोले-किसानों के साथ हो रहा अन्यायि
आप जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी ने मांग पत्र के माध्यम से मांग की प्रदेश में गन्ना किसानों के साथ अन्याय हो रहा हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की फ़सल बहुतायत में उगायी जाती है।वेस्ट यूपी को गन्ना बेल्ट के रूप मे जाना जाता है। यह बड़ी विडंबना है। गन्ना किसानों को ना तो गन्ने का उचित मूल्य ही मिलता है और ना ही चीनी मिलों द्वारा समय से किसानों का भुगतान ही किया जाता है।
किसानों का करोड़ों रुपया बकाया
पेराई सत्र वर्ष 2023-24 का करोड़ों रुपया अभी तक बकाया है। गन्ने का भुगतान न होने के कारण काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बेटी की शादी हो या बीमारी की दशा में या अन्य पारवारिक जरूरतों को पूरा करने के लिए किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। भारतीय जनता पार्टी सरकार सत्ता में आई है। सात साल में उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमत केवल 35 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी है, जोकि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान बढ़ाई गई कीमत से काफी कम है।कहा कि अभी तक गन्ने का रेट ही तय नहीं किया गया है। जिलाध्यक्ष अंकुश चौधरी के साथ महानगर अध्यक्ष अंकित गिरी, जिला उपाध्यक्ष हबीब अंसारी, जिला संरक्षक एसके शर्मा, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल राघव, फुरकान त्यागी, हर्ष वशिष्ठ, राहुल भटीपुरा, भरत लाल यादव, वैभव मलिक, रॉबिन चौधरी, अंकुर आदि मौजूद रहे।
ये रखी मांगें
1. प्रदेश के गन्ना किसानों के पिछले पेराई सत्र वर्ष 2023-24 का बकाया भुगतान तुरंत मय ब्याज कराया जाय।
2. इस पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने का ख़रीद मूल्य 550 रुपया प्रति क्विंटल तत्काल घोषित किया जाए।
3. पेराई सत्र 2024-25 से गन्ना किसानों को तुरंत मिल पर गन्ना डालने के 24 घंटे के अंदर ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
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