Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ की समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने दिव्यांग व्यक्तियों को आवश्यक कौशल प्रदान करके उन्हें स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया है।
समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दिव्यांगों के लिए उपलब्ध सभी योजनाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने वृद्धाश्रम, दिव्यांग बाल आश्रम और अन्य पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था में सुधार करने को कहा।
विकलांग व्यक्तियों के लिए प्रशिक्षण और पुनर्वास
राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जिलों में दिव्यांग व्यक्तियों के पुनर्वास पर ध्यान दिया जाए तथा उन्हें रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने वृद्धाश्रम, अनुदान प्राप्त संस्थाओं तथा दिव्यांग बच्चों के पुनर्वास केन्द्रों का निरीक्षण करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। दिव्यांग बच्चों को कौशल प्रदान करके उन्हें मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत विभिन्न व्यवसायों के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जा सकते हैं।
इसके अलावा राजवाड़े ने अधिकारियों से कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर पाए जाने वाले बेघर, असहाय, खानाबदोश, विकलांग बच्चों और महिलाओं को पुनर्वास केंद्रों में भेजने की व्यवस्था करें। उन्होंने पेंशन प्रकरणों का भौतिक सत्यापन करने और पात्र लाभार्थियों को प्राथमिकता देने के महत्व पर प्रकाश डाला। विभाग के हेल्पलाइन नंबर का भी व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
तृतीय लिंग और विकलांग व्यक्तियों को सहायता प्रदान करना
राजवाड़े ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे थर्ड जेंडर व्यक्तियों का पंजीकरण करें और उन्हें राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य विभागीय योजनाओं का लाभ प्रदान करें। उन्होंने विकलांग व्यक्तियों के लिए यूडीआईडी पंजीकरण और मेडिकल बोर्ड से विकलांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए शिविर आयोजित करने का भी आह्वान किया। जरूरतमंद बच्चों, महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों को फिजियोथेरेपी, कृत्रिम उपकरण, बैसाखी, श्रवण यंत्र या ट्राइसाइकिल की आवश्यकता होती है, उन्हें ये संसाधन उपलब्ध कराए जाने चाहिए।
समीक्षा बैठक में कृत्रिम अंग आपूर्ति योजना, सहायक उपकरण आपूर्ति योजना, क्षमता विकास योजना, दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना और राष्ट्रीय दिव्यांग पुनर्वास कार्यक्रम सहित विभिन्न योजनाओं पर चर्चा की गई।
अंत में समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि अधिकारियों को सेवा भावना के साथ बुजुर्गों, दिव्यांगों और निराश्रित व्यक्तियों के कल्याण के लिए तत्परता से काम करना चाहिए। मौजूदा व्यवस्थाओं में सुधार करके और विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से आवश्यक सहायता प्रदान करके इन कमजोर समूहों के जीवन में काफी सुधार किया जा सकता है।
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