कहने को तो बिहार एक ड्राई स्टेट है बावजूद इसके बिहार के हर जिला में नशे का कारोबार फल फूल रहा है. पुलिस की चौकसी के बावजूद बेगूसराय में धड़ल्ले से शराब ही नही नशे की दूसरी चीजें बिक रहीं हैं.
पूरा मामला रतनपुर थाना क्षेत्र का है जहां बेगूसराय पुलिस के वाहन चेकिंग अभियान चलाया जाने के दौरान दो शराबी बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें शक के आधार पर रोका. इसके बाद दोनों शराब के नशे में टुन्न थे, जिसे पुलिस ने हिरासत में लेकर मेडिकल टेस्ट के लिए बेगूसराय सदर अस्पताल भेजा.
पकड़े गए दोनों युवक सिंगल थाना क्षेत्र के डुमरी गांव के रहने वाले मोहमद हयास और एमडी अकरम के रूप में हुई है. पकड़े गए दोनों शराबी के हाव-भाव को देखकर पूरे सदर अस्पताल में चर्चा का विषय बना रहा और लोग शराबबंदी पर सवाल खड़ा करते हुए देखे गए.
बिहार में वर्ष 2025 से पूर्ण शराबबंदी लागू है. बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम के तहत शराब बनाने, बेचने और पीने वालों के लिए जमानत तक का प्रावधान नहीं था. बिहार मद्य निषेध उत्पाद अधिनियम में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.
हालांकि, सरकार के पूर्ण शराबबंदी कानून में कुछ बदलाव किए, जो एक अप्रैल 2022 से लागू किये गए. जिसमें शराबबंदी कानून लागू करने के समय उत्पाद धारा 37 ए, बी और सी जो धाराएं थीं वह धारा 37 हो गयी. जिसमें पहली बार शराब पीने पर पकड़े जाने पर दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना और तीस दिनों के कारावास की सजा है.
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