नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सोमवार को हुए आतंकी हमले में पांच जवानों शहीद हो गए। सभी पांचों जवान उत्तराखंड के रहने वाले थे। भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत 33 वर्षीय प्रणय नेगी की मौत से उबरने की कोशिश कर रहे परिवार को एक और बड़ा झटका लगा।
राइफलमैन आदर्श नेगी ने रविवार को अपने पिता से फोन पर बात की थी। अगले दिन दलबीर सिंह नेगी को फिर से फोन आया, लेकिन इस बार उनका बेटा लाइन पर नहीं था, एक सूचना थी कि उनका बेटा जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकवादी हमले में शहीद हो गया है। सोमवार शाम को आए इस फोन कॉल ने उत्तराखंड के टिहरी जिले के थाती डागर गांव में रहने वाले परिवार को सदमे में डाल दिया। किसान के बेटे आदर्श नेगी (25) तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। सेना के जरिए देश की सेवा करने का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। सोमवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सेना के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में उत्तराखंड के पांच जवान शहीद हो गए। नेगी उनमें से एक थे। यह एक महीने के भीतर जम्मू क्षेत्र में हुआ पांचवां आतंकवादी हमला था। द लबीर सिंह नेगी ने बताया कि उनके बेटे ने पिपलीधार के राजकीय इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई की और फिर बीएससी करने के लिए गढ़वाल विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। उन्होंने बताया कि गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। दलबीर सिंह नेगी ने बहते आंसू रोकने की कोशिश करते हुए कहा, 'मैंने उससे आखिरी बार सात जुलाई को फोन पर बात की थी। वह फरवरी में घर आया था और 26 मार्च को ड्यूटी पर लौट गया था।'
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