Surajpal Jatav aka Bhole Baba : उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित फुलराई गांव में मंगलवार को धार्मिक उपदेशक 'साकार विश्व हरि भोले बाबा' का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोग पहुंचे.
भोले बाबा से उन्हीं के भाई ने बना ली दूरी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल जाटव है, जिसके 2 भाई भी है. हालांकि एक भाई की मौत हो चुकी है, जबकि दूसरे भाई राकेश प्रधान बहादुरनगर गांव का पूर्व प्रधान रह चुके हैं. पता चला है कि छोटे भाई और बाबा के बीच काफी दूरियां है. आपसी मनमुटाव इतना है कि दोनों में कोई बातचीत भी नहीं होती है. सरकारी नौकरी छोड़कर उपदेशक बने सूरज पाल ने देशभर में अपने भक्त बनाए और कई बार चमत्कार का दावा किया, लेकिन वो अपनी ही भाई और रिश्तेदारों की हालत ठीक नहीं कर पाया. यूपी के एटा जिले के बाहुदर नगर गांव में जन्में सूरज पाल के छोटे भाई राकेश प्रधान आज भी अपने पैतृक घर में रहते हैं.
भोले बाबा पर परिवार को गर्व नहीं
बाहुदर नगर के उसी घर और गलियों में भोले बाबा का बचपन बीता, लेकिन परिवार में बाबा की भतीजी ने जो खुलासा किया वो किसी खुलासे से कम नहीं था. भतीजी ने जी न्यूज को बताया कि ताऊजी (भोले बाबा) का परिवार से अब कोई लेना देना नहीं है, ना ही कभी बातचीत होती है. हालांकि पहले एक-दो बार परिवार भी बाबा के सत्संग और आश्रम में गया है, लेकिन अब कोई नहीं जाता. बाबा से परिवार को कोई मदद नहीं मिली और ना ही हमें उन पर गर्व होता है. उन्होंने कोई चमत्कार नहीं किया और ना ही अपने परिवार की परेशानी दूर की. आपको बता दें कि भोले बाबा ने कई चमत्कार के दावे किए हैं, जिसे लेकर एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है.
मरी हुई बच्ची को जिंदा करने का किया दावा
आरोप है कि साल 2000 में सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा ने आगरा में एक बच्ची की मौत के बाद उसे जिंदा करने का दावा किया था. बाबा ने कहा कि वो बच्ची को जिंदा कर सकते हैं, जिसके बाद बाबा पर मुकदमा दर्ज किया गया था. इतना ही नहीं, भोले बाबा के ऊपर अब तक 5 मुकदमे चल रहे हैं, इनमें से 1-1 केस आगरा, इटावा, कासगंज और फर्रुखाबाद और राजस्थान के दौसा में दर्ज है. खास बात यह है कि हाथरस भगदड़ मामले में दर्ज एफआईआर में भोले बाबा का नाम आरोपी के रूप में नहीं है. इसमें उनके प्रबंधक और आयोजक देव प्रकाश मधुकर और धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों का नाम शामिल है.
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