भारत के प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट (रेत पर कलाकृति बनाने वाले कलाकार) सुदर्शन पटनायक, रूस में होने वाली एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। आपको बता दें कि रूस में गुरुवार से अंतरराष्ट्रीय रेत कलाकृति प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है।
भारत की ओर से सुदर्शन पटनायक इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे।
प्रतियोगिता में भगवान जगन्नाथ का रेत का रथ बनाएंगे पटनायक
पटनायक का कहना है कि वे प्रतियोगिता में भगवान जगन्नाथ का रेत का रथ बनाएंगे। इसमें भगवान जगन्नाथ के साधक बलराम दास को भी दिखाया जाएगा। बलराम दास ओडिशा के 14वीं शताब्दी के प्रख्यात कवि रह चुके हैं। वे भगवान जगन्नाथ के अनन्य भक्त थे। सुदर्शन पटनायक ने कहा, 'प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए मुझे निमंत्रण आया है। प्रतियोगिता का विषय इतिहास और पौराणिक कथाएं हैं। इस प्रतियोगिता में मैं भगवान जगन्नाथ और उनके परम भक्त बलराम दास की रेत की कलाकृति बनाऊंगा। रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में चार जुलाई से 12 जुलाई के बीच इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता में विश्व के 21 प्रख्यात कलाकारों के भाग लेने की संभावना है।
पटनायक ने बताई बलराम दास की कहानी
पटनायक ने आगे कहा कि बलराम दास के बारे में कई कहानियां बताईं गईं हैं। कहा जाता है कि एक बार रथ यात्रा के दौरान बलराम दास ने भगवान जगन्नाथ की पूजा करने के लिए रथ पर चढ़ने की कोशिश की तो उन्हें रोक लिया गया। इसके बाद वे समुद्र किनारे आए और रेत पर भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की कलाकृति बनाई और वहीं पूजा करनी शुरू कर दी। पटनायक ने आगे कहा कि इसके बाद देवता रथ से गायब हो गए और उस स्थान पर चले गए, जहां बलराम दास पूजा कर रहे थे।
पद्म श्री सम्मान से पुरस्कृत सुदर्शन पटनायक अब तक दुनियाभर में 65 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं।
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