- बालिग होने तक रुका, 900 लोगों की बनाई गैंग. ऐसे चुकता किया प्रिंसिपल से एक 'थप्पड़' का हिसाब | सच्चाईयाँ न्यूज़

शनिवार, 20 जुलाई 2024

बालिग होने तक रुका, 900 लोगों की बनाई गैंग. ऐसे चुकता किया प्रिंसिपल से एक 'थप्पड़' का हिसाब



 यूपी के गाजीपुर से बदला और फिर हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां एक थप्पड़ का बदला लेने के लिए एक शख्स को लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया. हैरानी की बात तो ये है कि हत्या करने वाले ने आवेष में आकर ऐसा नहीं किया, बल्कि पूरी तरह प्लान बनाकर और कई साल इंतजार करने के बाद इस हत्या की वारदात को अंजाम दिया.

इस वारदात के बाद से गांव में सनसनी फैली हुई है.

घटना बहरियाबाद थाना क्षेत्र के बघाई गांव की है. यहां 15 जुलाई को अनिल यादव पर कुछ अज्ञात लोगों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया. अनिल सहायक अध्यापक और प्रधान प्रतिनिधि रहें हैं. ये हमला तब किया गया जब गांव के ही कूड़ा निस्तारण केंद्र को देखने के लिए वह पहुंचे थे. हमले के बाद आनन-फानन में उन्हें ट्रामा सेंटर वाराणसी ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस मामले में परिवार की तरफ से अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया गया था जिसमें बहरियाबाद पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है.

थप्पड़ के बदले दे दी मौत

इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. इन पांचों में से मुख्य आरोपी प्रियांशु यादव है जो मृतक अनिल यादव का पट्टीदार भी है. पूछताछ में प्रियांशु ने बताया कि उसको 2 से 3 तीन साल पहले अनिल यादव ने किसी बात पर कई थप्पड़ मार दिए थे. इसके बाद वह अपनी बेइज्जती महसूस कर रहा था और उसके बाद से ही पट्टीदार होने के बावजूद अनिल यादव से उसकी बोलचाल बंद हो गई थी. उसने अनिल को अपना दुश्मन मान लिया था.

नाबालिग से बालिग होने का इंतजार

आगे की पूछताछ में प्रियांशु ने बताया कि वह अपने नाबालिग से बालिग होने का इंतजार कर रहा था. जब वह 18 साल की उम्र से ऊपर हुआ तब उसने क्षेत्र के युवाओं को मिलाकर सोशल मीडिया पर 0001 गैंग बनाया. इस गैंग में करीब 900 सदस्य हैं और यह लोग ग्रुप के माध्यम से सभी सदस्यों के मदद के लिए तत्काल पहुंच जाते थे. प्रियांशु ने कुछ दिन पहले अनिल यादव को धमकाने की नियत से अपने साथियों से मदद मांगी थी. इसके बाद इन सभी लोगों ने 15 जुलाई की रात अनिल यादव पर लाठी डंडों से हमला कर दिया लेकिन यह लोग दक्षिण भारत की फिल्मों से प्रभावित थे.

बनाई अपनी खुद की गैंग

दक्षिण भारत के पिक्चरों में जिस तरह हथियार दिखाए जाते हैं इस तरह का हथियार बनाने की नीयत से एक डंडे पर साइकिल का चैन लपेटकर अनिल यादव पर हमला किया गया था. इस हमले में अनिल यादव गंभीर रूप से घायल हो गए जिनकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ज्ञानेंद्र प्रसाद ने एक प्रेस वार्ता के माध्यम से इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने इस मामले में काफी मशक्कत करते हुए ब्लाइंड मर्डर को ओपन मर्डर में तब्दील किया है.

पुलिस ने पांच लोगों को किया गिरफ्तार

पुलिस सोशल मीडिया के जरिए इन लोगों तक पहुंची. उन्होंने बताया कि करीब तीन साल पहले अनिल ने प्रियांशु यादव को किसी बात को लेकर कई थप्पड़ जड़ दिए थे. वह इस बात से नाराज था. उस वक्त उसकी उम्र 18 साल से कम थी इसके बाद उसने अपनी उम्र 18 साल होने की इंतजार किया. जब वह 18 साल का हुआ तब उसने अपना एक गैंग बनाया और इसी गैंग में अपने अन्य दोस्तों को भी जोड़ दिया जिनकी संख्या अब तक करीब 900 के आसपास है और फिर 15 जुलाई को घटना को अंजाम दिया. इन लोगों के पास से पुलिस ने एक बांस का डंडा जिस पर लोहे की चैन लगी हुई है और एक अलग से बांस का डंडा बरामद किया साथ ही इन सभी लोगों के मोबाइल को भी पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है.

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