इनकम टैक्स स्टैंडर्ड डिडक्शन एक लाख किए जाने की संभावना
आयकर दाता, यानी इनकम टैक्स पेयर्स को इस बजट में काफी राहत दिए जाने की उम्मीद की जा रही है. विश्लेषकों का मानना है कि केंद्र सरकार आयकर में मानक कटौती या स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर सकती है. इससे आयकर दाताओं को बड़ी राहत मिल सकती है.
बढ़ सकती है आयकर के लिए आय सीमा
केंद्र सरकार बजट में व्यक्तिगत आयकर में छूट की सीमा बढ़ाने की घोषणा भी कर सकती है. ऐसा करने से अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ सकती है और मध्यम वर्ग के लोगों की बचत बढ़ सकती है. उम्मीद की जा रही है कि पांच लाख से 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले नागरिकों को बड़ी राहत मिल सकती है. आयकर के लिए सालाना आय सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये किया जा सकता है.
रसोई गैस पर सब्सिडी बढ़ने की आशा
वित्तमंत्री बजट में रसोई गैस की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती हैं. रसोई गैस (LPG) पर सब्सिडी बढ़ाई जा सकती है. महिलाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार योजना के लाभार्थियों के लिए एलपीजी सब्सिडी के लिए नौ हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था कर सकती है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सात मार्च को वित्तीय वर्ष 2024-25 में उज्ज्वला योजना में हर साल 14.2 किलोग्राम के 12 गैस रिफिल तक 300 रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की थी. यह सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होती है.
बढ़ सकती है 80सी में इनकम टैक्स छूट की सीमा
इनकम टैक्स में 80सी के तहत टैक्स में कटौती की सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही है. आयकर की धारा 80सी के तहत छूट की सीमा 1.5 लाख रुपये है. इस बार बजट में इस छूट की सीमा बढ़ाए जाने की संभावना है. करदाताओं का कहना है कि 2014 के बाद से इस छूट में इजाफा नहीं किया गया है जबकि 10 सालों में महंगाई काफी बढ़ गई है. धारा 80सी में करदाताओं को निवेश और व्यय पर कर में छूट दी जाती है. इसमें जीवन बीमा प्रीमियम, पीपीएफ, म्युचुअल फंड, बच्चों की शिक्षा में ट्यूशन फीस, गृह ऋण के मूलधन के भुगतान आदि पर कर छूट मिलती है.
बढ़ाई जा सकती है किसानों को दी जाने वाली निधि
बताया जाता है कि पीएम किसान योजना के तहत किसानों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि बजट में बढ़ाई जा सकती है. किसानों को फिलहाल हर साल 6000 रुपये की राशि दी जाती है. यह राशि बढ़ाकर 8000 रुपये वार्षिक की जा सकती है.इसके अलावा बजट में उद्योग जगत को भी कर में राहत दिए जाने की उम्मीद है. छोटे और मध्यम उद्योगों को सौगात दिए जाने की उम्मीद की जा रही है. इस बजट में युवाओं के लिए सरकारी विभागों के साथ प्राइवेट सेक्टरों में रोजगार के अवसर पैदा करने की व्यवस्था हो सकती है. सरकार का ध्यान ज्यादा से ज्यादा नौकरियों का सृजन करने पर है.
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