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बुधवार, 26 जून 2024

हजारों प्रदर्शनकारियों मे केन्या की संसद में लगा दी आग, भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी


 केन्या में सरकार की प्रस्तावित कर बढ़ोतरी के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहा है। नैरोबी में कम से कम 5 लोगों की इस हिंसा में मौत हो गई है और 150 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ऐसे में भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

भारत ने केन्या में अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वे सरकार द्वारा प्रस्तावित कर वृद्धि के खिलाफ पूर्वी अफ्रीकी देश में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच अत्यधिक सावधानी बरतें और गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करें।

पुलिस ने आंसू गैस और गोलियां चलाईं

मंगलवार को केन्या की संसद में हजारों लोगों के घुसने और उसके एक हिस्से में आग लगाने के बाद पुलिस ने आंसू गैस और गोलियां चलाईं। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने मंगलवार को "हिंसा और अराजकता" के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही है।

भारतीय उच्चायोग ने जारी की एडवाइजरी

केन्या में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट की गई सलाह में कहा, "मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को सलाह दी जाती है कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें, गैर-जरूरी आवाजाही को प्रतिबंधित करें और स्थिति साफ होने तक विरोध और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें।" इसमें कहा गया, "कृपया अपडेट के लिए स्थानीय समाचार और मिशन की वेबसाइट और सोशल मीडिया हैंडल को फॉलो करें।"

केन्या में पुलिस की मदद के लिए सेना को तैनात किया गया है। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आंसू गैस, पानी की बौछार, रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया गया है। एमनेस्टी केन्या सहित कई गैर सरकारी संगठनों ने एक संयुक्त बयान में बताया कि पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है और 31 घायल हो गए।

राष्ट्रपति रूटो पर प्रदर्शनकारी लगा रहे आरोप

बता दें कि केन्या की राजधानी नैरोबी और देश भर के अन्य शहरों में केन्याई संसद द्वारा टैक्स में वृद्धि का प्रस्ताव करने वाले एक विवादास्पद विधेयक को पारित करने के बाद हिंसक झड़पें और प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने केन्या के राष्ट्रपति रूटो पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2022 में राष्ट्रपति बनने के बाद जनता के साथ धोखा किया है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि रूटो ने गरीबों की मदद करने का वादा किया था। उन्होंने टैक्स न बढ़ाने और लोन की लागत को कम करने के लिए सरकार के नए वित्त विधेयक को पूरी तरह से खारिज करने की बात कही थी।

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