- हर जिले में स्थापित होगा फॉरेंसिक लैब, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी होगी सुविधा: मुख्यमंत्री | सच्चाईयाँ न्यूज़

शुक्रवार, 7 जून 2024

हर जिले में स्थापित होगा फॉरेंसिक लैब, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी होगी सुविधा: मुख्यमंत्री



 CM Yogi News Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में आगामी पहली जुलाई से लागू होने जा रही नवीन आपराधिक न्याय प्रणाली के संबंध में तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

● प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वाधीनता दिवस के अवसर पर देश के सामने पंच प्रण लिए थे, इनमें से एक प्रण था - गुलामी की सभी निशानियों को समाप्त करना। इसी प्रण को पूरा करने के लिए संसद ने अंग्रेज़ों द्वारा बनाए गए इंडियन पीनल कोड, 1860, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (1898), 1973 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 कानूनों को समाप्त कर हम तीन नए कानून पारित किए हैं। यह कानून आगामी 01 जुलाई से उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में लागू होना है।

● नवीन व्यवस्था के अनुसार, इंडियन पीनल कोड, 1860 की जगह भारतीय न्याय संहिता, 2023 स्थापित होगा। क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, 1898 की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट, 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 स्थापित होगा। नए भारत के ये तीनों स्वदेशी कानून प्रधानमंत्री जी के प्रण को पूरा करने वाले हैं।

● समाप्त किए गए तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था, न कि न्याय देने का, जबकि भारतीय लोकतंत्र न्याय की अवधारणा वाला है।

● भारतीय मूल्यों को दृष्टिगत रखते हुए संसद द्वारा पारित तीनों नए कानूनों से हमारे आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक परिवर्तन करने वाले होंगे।

● यह सुनिश्चित किया जाए कि तीनों नए कानून के लागू होने से पूर्व इनसे संबंधित राज्य स्तरीय अधिनियम, नियमावली, SoP, शासनादेशों में संशोधन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।

● नए कानून में तकनीक का बड़ा महत्व है डेटा एनालिटिक्स, साक्ष्यों के संकलन, ई-कोर्ट, दस्तावेजों के डिजिटाइजेशन जैसी हर प्रक्रिया में तकनीक का उपयोग किया जाना है।इसके दृष्टिगत आवश्यक तकनीकी बदलाव बिना विलंब किए जाएं।

● फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट, लखनऊ का सहयोग लें। रेंज स्तर पर स्थापित सभी फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं में हर जरूरी संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। सभी 75 जिलों में फॉरेंसिक लैब स्थापित कराएं। कोर्ट में पेशी के लिए हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा होनी चाहिए। यह कार्य शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। प्रस्ताव तैयार करें, शासन स्तर से पूरा सहयोग मिलेगा। फॉरेंसिक एक्सपर्ट की तैनाती करें। जहां भी जैसी आवश्यकता हो, तत्काल बताएं, पूरा सहयोग मिलेगा।

एक टिप्पणी भेजें

Whatsapp Button works on Mobile Device only

Start typing and press Enter to search

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...