भारतीय तीरंदाजों ने पेरिस ओलंपिक से पहले शानदार प्रदर्शन करते हुए तीरंदाजी विश्व कप के तीसरे चरण में दो कांस्य पदक और जीते। भारत के लिए धीरव बोम्मादेवरा और भजन कौर की मिक्स्ड रिकर्व टीम ने मैक्सिको को हराकर कांस्य पदक जीता।
भारत ने इस तरह इस टूर्नामेंट में अपने अभियान का समापन चार पदक के साथ किया। भारत के लिए इससे पहले शनिवार को ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर की महिला कंपाउंड टीम ने स्वर्ण पदक जबकि प्रियांश ने रजत पदक जीता था।
भारतीय मिक्स्ड जोड़ी ने वापसी कर जीता पदक
मिक्स्ड डबल्स में तीसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी पहला सेट हारने के बाद 0-2 से पिछड़ रही थी, लेकिन उसके बाद उसने बेहतरीन वापसी करके मैक्सिको के एलेजांद्रा वालेंसिया और मटियास ग्रांडे को 5-3 (35-38, 40-39, 38-37, 38-38) से हराया। धीरज ने इसके बाद व्यक्तिगत वर्ग के क्वालीफिकेशन में तीसरे स्थान पर रहने के बाद देश को एक और पदक दिलाया। उन्होंने इटली के नौवें वरीय मार्को नेस्पोली को 7-3 (28-27, 29-28, 27-28, 28-28, 30-29) से हराया। यह विश्व कप में उनका दूसरा कांस्य पदक है। उन्होंने पिछले साल इसी स्थान पर प्रतियोगिता के शुरुआती चरण में अपना पहला पदक जीता था। धीरज इससे पहले सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के पूर्व ओलंपिक टीम पदक विजेता दक्षिण कोरिया के किम वूजिन से हार गए थे। सेना के इस जवान को अंतिम चार मैच में 2-6 (29-29, 27-30, 29-29, 27-29) से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
अंकिता भकत पदक से चूकीं
भारत के पास एक और पदक जीतने का मौका था, लकिन अंकिता भकत महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन की यांग शियाओली से मामूली अंतर से हार गईं। यांग ने फाइनल में जीत के साथ स्वर्ण पदक जीता लेकिन अंकिता कांस्य पदक के मैच में भी हार गईं। क्वालीफिकेशन में 45वें स्थान पर रहने वाली अंकिता ने सेमीफाइनल तक का सफर कर प्रभावित किया, लेकिन यांग के खिलाफ दबाव के क्षणों में लय बरकरार नहीं रख सकीं और 2-6 (26-30, 28-27, 26-27, 27-28) से हार गईं। कांस्य पदक मैच में अंकिता के सामने दुनिया की तीसरी नंबर की खिलाड़ी एलेजांद्रा वालेंसिया की चुनौती थी। वालेंसिया के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी को 3-7 (27-29, 26-27, 29-27, 29-29, 27-29) से हार का सामना करना पड़ा।
भारतीय मिक्स्ड जोड़ी ने वापसी कर जीता पदक
मिक्स्ड डबल्स में तीसरी वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी पहला सेट हारने के बाद 0-2 से पिछड़ रही थी, लेकिन उसके बाद उसने बेहतरीन वापसी करके मैक्सिको के एलेजांद्रा वालेंसिया और मटियास ग्रांडे को 5-3 (35-38, 40-39, 38-37, 38-38) से हराया। धीरज ने इसके बाद व्यक्तिगत वर्ग के क्वालीफिकेशन में तीसरे स्थान पर रहने के बाद देश को एक और पदक दिलाया। उन्होंने इटली के नौवें वरीय मार्को नेस्पोली को 7-3 (28-27, 29-28, 27-28, 28-28, 30-29) से हराया। यह विश्व कप में उनका दूसरा कांस्य पदक है। उन्होंने पिछले साल इसी स्थान पर प्रतियोगिता के शुरुआती चरण में अपना पहला पदक जीता था। धीरज इससे पहले सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के पूर्व ओलंपिक टीम पदक विजेता दक्षिण कोरिया के किम वूजिन से हार गए थे। सेना के इस जवान को अंतिम चार मैच में 2-6 (29-29, 27-30, 29-29, 27-29) से शिकस्त का सामना करना पड़ा।
अंकिता भकत पदक से चूकीं
भारत के पास एक और पदक जीतने का मौका था, लकिन अंकिता भकत महिला सिंगल्स के सेमीफाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन की यांग शियाओली से मामूली अंतर से हार गईं। यांग ने फाइनल में जीत के साथ स्वर्ण पदक जीता लेकिन अंकिता कांस्य पदक के मैच में भी हार गईं। क्वालीफिकेशन में 45वें स्थान पर रहने वाली अंकिता ने सेमीफाइनल तक का सफर कर प्रभावित किया, लेकिन यांग के खिलाफ दबाव के क्षणों में लय बरकरार नहीं रख सकीं और 2-6 (26-30, 28-27, 26-27, 27-28) से हार गईं। कांस्य पदक मैच में अंकिता के सामने दुनिया की तीसरी नंबर की खिलाड़ी एलेजांद्रा वालेंसिया की चुनौती थी। वालेंसिया के खिलाफ भारतीय खिलाड़ी को 3-7 (27-29, 26-27, 29-27, 29-29, 27-29) से हार का सामना करना पड़ा।
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