हरियाणा के सिरसा में शराब के नशे में बड़े भाई की लाठी मारकर हत्या करने के आरोपी छोटे भाई महिपाल को जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार शाम दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
दोषी के खिलाफ सदर थाना सिरसा पुलिस ने मृतक सतपाल की पत्नी बिमला देवी के बयान पर जुलाई 2020 में केस दर्ज किया था। खास बात यह है कि इस मामले में कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था। पब्लिक प्रोसिक्यूटर पलविंद्र सिंह का कहना है कि सदर थाना पुलिस ने हत्याकांड की गंभीरता से जांच कर महिपाल के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।
अभियोजन पक्ष की तरफ से न्यायालय में 18 गवाह पेश किए गए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा ने अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश किए गवाहों व सबूतों को सही व पर्याप्त मानते हुए महीपाल को दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुना दी।
पुलिस को दिए बयान में बिमला देवी ने बताया कि वह खाबरा कलां जिला फतेहाबाद की रहने वाली है। उसकी शादी गांव माधोसिंघाना निवासी सतपाल से 22 वर्ष पहले हुई थी। उसका देवर महिपाल अविवाहित है और नशे का आदी है। महिपाल नशा करके सतपाल के साथ झगड़ा करता था।
जिससे परेशान होकर बिमला अपने पुत्र संजय को लेकर 5 जुलाई 2020 को अपने मायके चली गई। पुलिस को दिए बयान मैं बिमला ने बताया कि 7 जुलाई 2020 को माधोसिंघाना में उनके पड़ोसी भूप सिंह ने उसे फोन करके सूचना दी कि सतपाल और महिपाल का रात को झगड़ा हो गया था। इसी दौरान महिपाल ने सतपाल की लाठी से हमला करके हत्या कर दी।
इसके बाद बिमला अपने भाइयों के साथ माधोसिंघाना पहुंची और पति सतपाल का शव जमीन पर पड़ा देखा। घटना की सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया। पुलिस ने बिमला के बयान पर आरोपी महिपाल के खिलाफ केस दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया।
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