चीन और पाकिस्तान के सीपीईसी परियोजना को शुरू हुए 10 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। लेकिन चीन के अरबों डॉलर के निवेश के बाद भी अगले चरण में नहीं पहुंच सका है। नकदी की कमी से जूझ रहा पाकिस्तान इसे फिर से शुरू करने के लिए अपने सदाबहार मित्र चीन को खुश करने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि द्विपक्षीय परियोजना मुश्किल में पड़ गई है।
वहीं अब आतंकियों की नजर इस परियोजना पर पड़ चुकी है।
आतंकी की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा
दरअसल प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के एक वरिष्ठ कमांडर ने दावा किया है कि उनका संगठन बलूचिस्तान में प्रतिबंधित अलगाववादी समूहों के साथ मिलकर 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। तनावग्रस्त प्रांत के गृह मंत्री मीर जिया लैंगरोव ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने आगे बताया कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) में रक्षा शूरा का नेतृत्व करने वाले नसरुल्लाह उर्फ मौलवी मंसूर को हाल ही में बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वो प्रांत में आतंकी हमलों की योजना बना रहा था। मौलवी मंसूर ने बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों के बारे में कुछ बहुत महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया है।
बलूचिस्तान में चलाया गया ऑपरेशन अजम-ए-इस्तेहकम
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय कैबिनेट की तरफ से ऑपरेशन अजम-ए-इस्तेहकम को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद ये गिरफ्तारियां हुईं हैं। बता दें कि ऑपरेशन अजम-ए-इस्तेहकम राष्ट्रीय कार्य योजना की केंद्रीय सर्वोच्च समिति की तरफ से तय किया गया एक नया और ऊर्जावान राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी अभियान है।
आतंकी मौलवी मंसूर ने कबूले कई अपराध
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलवी मंसूर की तरफ से दिखाए गए एक वीडियो कबूलनामे में उसने स्वीकार किया कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के साथ टीटीपी अपहरण के मामलों की साजिश रच रहा था और अपहृत लोगों को अफगानिस्तान भेज रहा था, जबकि उन्हें लापता व्यक्ति के रूप में दिखाया गया था। मंसूर ने कहा, मैं जर्ब अजब ऑपरेशन के दौरान अफगानिस्तान भाग गया था और तब से मैं सीमा पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर आतंकी हमले कर रहा हूं। उसने वीडियो कबूलनामे में कहा, टीटीपी और बीएलए कई क्षेत्रों में एक साथ काम कर रहे हैं। हम फिरौती के लिए लोगों का अपहरण करते हैं और पीड़ितों को अफगानिस्तान ले जाते हैं और फिर उन्हें लापता व्यक्ति के रूप में दिखाते हैं। उसने कहा कि बीएलए के शीर्ष कमांडरों ने भी टीटीपी के साथ अफगानिस्तान में शरण ली थी।
अरबों डॉलर की परियोजना है सीपीईसी
इस मामले में मीर जिया लैंगरोव ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ एक कठिन अभियान के बाद टीटीपी के दो शीर्ष कमांडरों को गिरफ्तार किया गया। वहीं मौलवी मंसूर ने वीडियो में यह भी कबूल किया कि टीटीपी और बीएलए बलूचिस्तान में सीपीईसी परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे थे। बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ने वाला सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है। बीआरआई को चीन की तरफ से दुनिया भर में चीनी निवेश द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ विदेशों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।
आतंकी की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा
दरअसल प्रतिबंधित आतंकी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के एक वरिष्ठ कमांडर ने दावा किया है कि उनका संगठन बलूचिस्तान में प्रतिबंधित अलगाववादी समूहों के साथ मिलकर 60 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। तनावग्रस्त प्रांत के गृह मंत्री मीर जिया लैंगरोव ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने आगे बताया कि तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) में रक्षा शूरा का नेतृत्व करने वाले नसरुल्लाह उर्फ मौलवी मंसूर को हाल ही में बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों ने उस समय गिरफ्तार किया, जब वो प्रांत में आतंकी हमलों की योजना बना रहा था। मौलवी मंसूर ने बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों के बारे में कुछ बहुत महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया है।
बलूचिस्तान में चलाया गया ऑपरेशन अजम-ए-इस्तेहकम
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, संघीय कैबिनेट की तरफ से ऑपरेशन अजम-ए-इस्तेहकम को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद ये गिरफ्तारियां हुईं हैं। बता दें कि ऑपरेशन अजम-ए-इस्तेहकम राष्ट्रीय कार्य योजना की केंद्रीय सर्वोच्च समिति की तरफ से तय किया गया एक नया और ऊर्जावान राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी अभियान है।
आतंकी मौलवी मंसूर ने कबूले कई अपराध
वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलवी मंसूर की तरफ से दिखाए गए एक वीडियो कबूलनामे में उसने स्वीकार किया कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के साथ टीटीपी अपहरण के मामलों की साजिश रच रहा था और अपहृत लोगों को अफगानिस्तान भेज रहा था, जबकि उन्हें लापता व्यक्ति के रूप में दिखाया गया था। मंसूर ने कहा, मैं जर्ब अजब ऑपरेशन के दौरान अफगानिस्तान भाग गया था और तब से मैं सीमा पर पाकिस्तानी सेना की चौकियों पर आतंकी हमले कर रहा हूं। उसने वीडियो कबूलनामे में कहा, टीटीपी और बीएलए कई क्षेत्रों में एक साथ काम कर रहे हैं। हम फिरौती के लिए लोगों का अपहरण करते हैं और पीड़ितों को अफगानिस्तान ले जाते हैं और फिर उन्हें लापता व्यक्ति के रूप में दिखाते हैं। उसने कहा कि बीएलए के शीर्ष कमांडरों ने भी टीटीपी के साथ अफगानिस्तान में शरण ली थी।
अरबों डॉलर की परियोजना है सीपीईसी
इस मामले में मीर जिया लैंगरोव ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ एक कठिन अभियान के बाद टीटीपी के दो शीर्ष कमांडरों को गिरफ्तार किया गया। वहीं मौलवी मंसूर ने वीडियो में यह भी कबूल किया कि टीटीपी और बीएलए बलूचिस्तान में सीपीईसी परियोजनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए काम कर रहे थे। बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ने वाला सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) की प्रमुख परियोजना है। बीआरआई को चीन की तरफ से दुनिया भर में चीनी निवेश द्वारा वित्तपोषित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ विदेशों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है।
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