Karnataka chicken kebab: बच्चों का फेवरेट कॉटन कैंडी पर बैन के बाद अब कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने चिकन कबाब और मछली के व्यजनों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कबाब और फिश डिश में आर्टिफिशियल कलर पर बैन लगा दिया है।
कर्नाटक सरकार ने सोमवार को राज्य में चिकन कबाब और मछली के व्यंजनों में कृत्रिम रंगों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब कुछ दिनों पहले इन चीजों के नमूनों की गुणवत्ता की जांच की गई थी और पाया गया था कि आर्टिफिशियल कलर के वजह से इनकी गुणवत्ता खराब पाई गई।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि प्रतिबंध का आदेश जनता के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए दिया गया है। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग के आयुक्त को खाद्य पदार्थों में कृत्रिम रंगों के प्रतिकूल प्रभावों की जांच करने और कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
सैंपल पाया गया असुरक्षित
इससे पहले खाद्य और सुरक्षा गुणवत्ता विभाग ने राज्य प्रयोगशालाओं से 39 कबाब के नमूने एकत्र किए और उनका विश्लेषण किया। 39 में से आठ नमूने कृत्रिम रंगों, खास तौर पर सनसेट येलो और कारमोइसिन की मौजूदगी के कारण खाने के लिए असुरक्षित पाए गए।
10 लाख रुपए का जुर्माना, इतने साल की सजा
वहीं प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कम से कम सात साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही 10 लाख रुपए का जुर्माना और फूड आउटलेट का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत नमूनों को असुरक्षित बताया गया।
बता दें कि खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य उत्पाद मानक और खाद्य योजक) विनियम, 2011 के अनुसार किसी भी कृत्रिम रंग का उपयोग प्रतिबंधित है। यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा गोभी मंचूरियन और कैंडी कॉटन में कृत्रिम रंगों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश के कुछ महीने बाद आया है।
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