- वे नवनिर्वाचित सांसद जो नहीं ले सके शपथ, संसद की कार्यवाही में नहीं ले पाएंगे हिस्सा | सच्चाईयाँ न्यूज़

शनिवार, 29 जून 2024

वे नवनिर्वाचित सांसद जो नहीं ले सके शपथ, संसद की कार्यवाही में नहीं ले पाएंगे हिस्सा

 


पनीयता की शपथ दिलाने से हुई.

सोमवार और मंगलवार को सांसदों को शपथ दिलाई गई लेकिन सात सांसद ऐसे रह गए थे जो शपथ नहीं ले पाए थे.

बुधवार को स्पीकर पद के चुनाव के लिए वोट विभाजन नहीं हुआ, अगर ऐसा होता तो नियमों के मुताबिक़, ये सांसद इसमें भाग नहीं ले पाते.

हालांकि इनमें से पश्चिम बंगाल की घाटल सीट से जीते दीपक अधिकारी को बुधवार को शपथ दिलाई गई.

जबकि केरल की तिरुअनंतपुरम की कांग्रेस की परम्परागत सीट से निर्वाचित होकर सांसद बने शशि थरूर ने गुरुवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली.

BBCबीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

बाकी पांच सांसदों में पंजाब की खडूर साहिब सीट से जीते अमृतपाल सिंह, कश्मीर की बारामुला सीट से जीते इंजीनियर रशीद, पश्चिम बंगाल की असनसोल सीट से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा, बशीरहाट से शेख़ नुरुल इस्लाम और उत्तर प्रदेश की गाज़ीपुर से दोबारा जीत कर संसद पहुंचे अफ़ज़ाल अंसारी हैं.

इनमें अमृतपाल सिंह और रशीद इंजीनियर जेल में बंद हैं और शपथ ग्रहण के लिए अंतरिम ज़मानत पर कोर्ट में सुनवाई होनी है.

जबकि अफ़ज़ाल अंसारी को पिछले साल एक मामले में सज़ा होने के कारण संसदीय कार्यवाही में शामिल होने की मनाही है, इसलिए वो संसद पहुंचे लेकिन शपथ नहीं ले सके.

ये सांसद शपथ ग्रहण क्यों नहीं कर सके, आइए जानते हैंः

अमृतपाल सिंह

Getty Images

कथित ख़ालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' प्रमुख अमृतपाल सिंह पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय निर्वाचित हुए हैं.

उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी को क़रीब दो लाख वोटों से हराया. वो जेल में रहते हुए चुनाव लड़े थे.

अमृतपाल सिंह को पिछले साल राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) के तहत गिरफ़्तार किया गया था. अभी वो असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं.

इसी साल उनपर एक साल के लिए एनएसए बढ़ा दिया गया है.

हालांकि शपथ ग्रहण के लिए अंतरिम ज़मानत पाने के वो हक़दार हैं लेकिन एनएसए के चलते उन्हें ज़मानत के लिए विशेष अपील करनी होगी.

इंजीनियर रशीद

 WASEEM ANDRABI/HINDUSTAN TIMES VIA GETTY IMAGESजनवरी 2016 में श्रीनगर में एक प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए इंजीनियर रशीद.

अब्दुल रशीद शेख़ उर्फ़ इंजीनियर रशीद ने कश्मीर की बारामुला सीट से नेशनल कांफ्रेंस के नेता जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को दो लाख से ज़्यादा वोटों से हराया था.

इंजीनियर रशीद को 'आतंकवाद की फ़ंडिंग' के आरोप में यूएपीए के तहत साल 2019 में गिरफ़्तार किया गया था और इस समय वो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं.

उन पर एनआईए ने 'टेरर फ़ंडिंग' के आरोप लगाए हैं.

जेल में रहते हुए उनका प्रचार उनके बेटे अबरार रशीद ने किया था.

शपथ ग्रहण के लिए इंजीनयर रशीद की ओर से अंतरिम ज़मानत की अर्ज़ी दिल्ली की एक अदालत में दी गई.

कोर्ट ने एनआईए से इस बारे में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई एक जुलाई को तय की गई है.

शत्रुघ्न सिन्हा

 ANI

शपथ न ले पाने वालों में अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा भी हैं. वो पश्चिम बंगाल की असनसोल सीट से टीएमसी उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित हुए हैं.

वो पहले बीजेपी में थे लेकिन साल 2019 से पहले उन्होंने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए, हालांकि साल 2022 में वे तृणमूल कांग्रेस का हिस्सा बन गए.

असनसोल सीट से उन्होंने बीजेपी के सुरेंद्रजीत सिंह अहलूवालिया को क़रीब साठ हज़ार मतों के अंतर से हराया.

कोलकाता से बीबीसी के सहयोगी पत्रकार प्रभाकर मणि तिवारी के अनुसार, टीएमसी के एक नेता नाम न ज़ाहिर करते हुए कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा अपने बेटी सोनाक्षी सिन्हा के विवाह में व्यस्तता के चलते शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो सके.

टीएमसी नेता के अनुसार, वो जल्द ही संसद की कार्यवाही में भाग लेने पहुंचेंगे और शपथ ग्रहण करेंगे.

शेख़ नुरुल इस्लाम

 @HajiNurulIslamममता बनर्जी के साथ शेख़ नुरुल इस्लाम.

टीएमसी के एक अन्य सांसद शेख़ नुरुल इस्लाम ने भी शपथ ग्रहण नहीं किया है.

शेख़ नुरुल इस्लाम ने पश्चिम बंगाल की बशीरहाट सीट से जीत दर्ज की है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी रेखा पात्रा को 3.33 लाख वोटों के अंतर से हराया है.

बशीरहाट से पिछली बार चर्चित बांग्ला अभिनेत्री नुसरत जहां टीएमसी के टिकट पर जीती थीं, लेकिन इस बार ममता बनर्जी ने उनकी जगह इस्लाम को टिकट दिया था.

नुरुल इस्लाम टीएमसी से विधायक भी रहे हैं.

बशीरहाट सीट के अंतर्गत ही संदेशखाली इलाक़ा आता है जहां इसी साल हुए आम चुनावों से पहले महिलाओं के उत्पीड़न का मामला चर्चा में आया था.

बीबीसी के सहयोगी पत्रकार प्रभाकरमणि तिवारी को टीएमसी के एक नेता ने बताया कि 'व्यक्तिगत व्यस्तता के चलते वो शपथ ग्रहण में नहीं पहुंचे, ऐसा होता है और वो बाद में शपथ लेंगे.'

अफ़जाल अंसारी

 ANI

उत्तर प्रदेश की ग़ाज़ीपुर से दोबारा जीत कर सांसद बनने वाले अफ़जाल अंसारी भी संसद में शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे लेकिन शपथ नहीं ले पाए.

उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी पारसनाथ राय को क़रीब सवा लाख मतों के अंतर से हराया है.

पिछली बार बसपा के टिकट पर वो ग़ाज़ीपुर से ही सांसद बने थे.

लेकिन पिछले साल गैंगेस्टर एक्ट के एक मामले में चार साल की सज़ा हुई थी, जिसके ख़िलाफ़ वो इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे लेकिन राहत न मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.

सुप्रीम कोर्ट ने सज़ा पर रोक तो लगा दी लेकिन ये शर्त भी तय की कि वो हाई कोर्ट में फ़ैसला न होने तक संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे.

इस मामले की सुनवाई संभवतः अगले महीने होनी है. अगर उन्हें राहत मिलती है तभी शपथ ले पाएंगे.

जेल में रहते हुए शपथ ली जा सकती है?

 ANI

संविधान के अनुसार, अगर कोई सांसद 60 दिन तक संसद में उपस्थिति दर्ज नहीं करता है तो उसकी सीट को खाली मान लिया जाएगा.

हालांकि अतीत में यही आधार बनाकर कोर्ट ने जेल में रहते हुए सांसद को शपथ ग्रहण की इजाज़त दी है.

बीते मार्च में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह तिहाड़ जेल में बंद थे. उन्हें राज्यसभा के सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण के लिए विशेष ज़मानत दी गई थी.

पिछली लोकसभा में यूपी के घोसी से निर्वाचित हुए बसपा सांसद अतुल कुमार सिंह रेप के आरोप में जेल में बंद थे. उन्हें जनवरी 2020 में कोर्ट से मिली विशेष ज़मानत मिली और उन्होंने संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ ली.

हालांकि चुनाव आयोग के नतीजे आने के साथ ही सांसदों को सैलरी और अन्य सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाती हैं लेकिन जबतक वो ससंद में पद और गोपनीयता की शपथ नहीं लेते वे कार्यवाही में भाग नहीं सकते.

एक टिप्पणी भेजें

Whatsapp Button works on Mobile Device only

Start typing and press Enter to search

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...