भारतीय रेलवे भी आम उपभोक्ता की तरह कोई भी चीज खरीदने से पहले रेट की तुलना करती है और उसके बाद खरीद रही है. बचत करने के लिए इस तरह का बदलाव किया गया है. इसका लाभ भी मिल रहा है.
उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में केवल अप्रैल माह में मध्य प्रदेश क्षेत्र से 5.28 करोड़ रुपये की बिजली व्यय में राजस्व बचत की गयी है. यह बचत खुले बाजार से बिजली खरीद से संभव हुई है.
उन्होंने बताया कि पूर्व में मंडल द्वारा बिजली चुनिन्दा कंपनियों से ही खरीदी जाती थी, जिसका तय की गयी दरों के अनुसार ही भुगतान करतना पड़ता था. लेकिन रेलवे ने इसमें बदलाव कर दिया है. अब चुनिदंा कपंनियों के बजाए खुले बाजार से बिजली खरीदी जा रही है. स्पर्धा के चलते कम दरों में बिजली उपलब्ध हो सकी है.
मध्य प्रदेश क्षेत्र के 10 स्टेशनों से यह बचत की गयी है. इसमें दतिया, हेतमपुर, ग्वालियर, भिंड, हरपालपुर, निवाड़ी, मालनपुर, ईशानगर, सांक एवं बसई के सब स्टेशन शामिल हैं.
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे बचत करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहा है. मसलन उत्तर रेलवे कबाड़ बेच कर करोड़ा रुपये कमा रहा है. यह जोन कबाड़ से कमाई में पूरे देश में नंबर बन गया है. रेलवे के अनुसार इस तरह बचत कर यात्री सुविधाओं को और बेहतर किया जा रहा है.
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