- पूजा-पाठ के बाद खोले गए जगन्नाथपुरी के सभी चार द्वार, मुख्यमंत्री मोहन माझी रहे मौजूद | सच्चाईयाँ न्यूज़

गुरुवार, 13 जून 2024

पूजा-पाठ के बाद खोले गए जगन्नाथपुरी के सभी चार द्वार, मुख्यमंत्री मोहन माझी रहे मौजूद

 


ज से श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चारों द्वार फिर से खोल दिए गए हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की मौजूदगी में द्वार खोले गए हैं। मुख्यमंत्री माझी, दोनों उप-मुख्यमंत्री, मंत्री, भाजपा सांसद सहित अन्य पार्टी नेताओं ने पहले भगवान जगन्नाथ की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और 'मंगल अलाती' रस्म के बाद चारों द्वारों को फिर से खोल दिया गया।

उन्होंने मंदिर परिसर की 'परिक्रमा' भी की।

साथ ही मंदिर की मौजूदा सभी जरूरतों के लिए कॉपर्स फंड स्थापित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। ओडिशा की नई भाजपा सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट में ये प्रस्ताव मंजूर किया है।

'मंदिर के द्वार खोलना भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में था'
एक दिन पहले, माझी ने बताया था, 'राज्य सरकार ने सभी मंत्रियों की उपस्थिति में जगन्नाथ पुरी के सभी चारों द्वार खोलने का फैसला लिया गया है। इससे भक्तों को चारों द्वारों से मंदिर तक पहुंचने को मिलेगा।' माझी ने आगे कहा कि सभी मंदिरों के द्वार खोलना भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र के वादों में से एक था। द्वार बंद होने के कारण भक्तों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

कोरोना काल से ही मंदिर के द्वार बंद थे
पिछली बीजू जनता दल सरकार ने कोरोना महामारी के बाद से ही मंदिर के चारों द्वार बंद कर दिए थे और श्रद्धालु एक ही द्वार से प्रवेश कर सकते हैं। काफी समय से ही भक्तों की मांग थी कि सभी द्वार खोले जाएं।

मंदिर की देखरेख के लिए 500 करोड़ आवंटित होंगे
माझी ने जानकारी देते हए बताया कि मंदिर के संरक्षण और देखरेख के लिए मंत्रिमंडल ने 500 करोड़ रुपये का एक कोष गठित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री बुधवार रात तीर्थनगरी पुरी में ही रुके थे और चारों द्वार खोलने के समय सभी वहां मंदिर में उपस्थित रहेंगे।

'धान का MSP बढ़कर 3100 रुपये प्रति कुंतल होगा'
माझी ने कहा कि राज्य सरकार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने के लिए भी कदम उठाएगी और संबंधित विभाग को इसके लिए समाधान निकालने के लिए कहा गया है। इसके अलावा एमएसपी सहित किसानों की समस्याओं से निपटने के लिए एक विशेष नीति "समृद्ध कृषक नीति योजना" बनाई जाएगी।

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