संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को गाजा पट्टी के लिए अमेरिका समर्थित संघर्ष विराम प्रस्ताव पारित कर दिया। परिषद के 15 सदस्यों में से 14 ने पक्ष में मतदान किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पारित होने के बाद संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत सुश्री लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा, हिंसा के इस चक्र को समाप्त करने और टिकाऊ शांति बनाने का एकमात्र तरीका राजनीतिक समझौता है। सुश्री ग्रीनफील्ड ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेगा कि इजराइल समझौते पर सहमत हो और कतर और मिस्र हमास को बातचीत की मेज पर लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा, सहयोगियो, आज हमने शांति के लिए मतदान किया।
इस प्रस्ताव में तीन चरण की योजना बनाई गई है, जो तत्काल युद्धविराम, इजराइली जेलों में बंद फिलिस्तीनियों के बदले में सभी बंधकों की रिहाई, विस्थापित गाजावासियों की उनके घरों में वापसी और गाजा से इजराइली सेना की पूर्ण वापसी के साथ शुरू होती है।
दूसरे चरण में दोनों पक्षों की सहमति से स्थायी युद्धविराम का आह्वान किया गया है और तीसरे चरण में गाजा के लिए एक बहुवर्षीय पुनर्निर्माण योजना और मृत बंधकों के अवशेषों की वापसी शामिल होगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि यदि पहले चरण की बातचीत में छह सप्ताह से अधिक समय लगता है, तब भी जब तक बातचीत जारी रहेगी तब तक संघर्ष विराम जारी रहेगा। इसमें गाजा पट्टी में जनसांख्यिकीय या क्षेत्रीय परिवर्तन के किसी भी प्रयास को भी खारिज कर दिया गया है।
संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के प्रतिनिधि सुश्री शापिर बेन नफ्ताली ने कहा है कि युद्ध में उनके देश के लक्ष्य नहीं बदले हैं और वह बंधकों को मुक्त कराने के लिए सैन्य अभियानों का उपयोग करेगा। सुश्री नफ्ताली ने परिषद को भरोसा दिलाया है कि अगर हमास नेता सभी बंधकों को मुक्त कर दें और खुद आत्मसमर्पण कर दें, तो एक भी गोली नहीं चलाई जाएगी।
हमास ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उसने सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में शामिल बातों का स्वागत करता है। संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़्या ने कहा कि परिषद इजराइल के साथ अमेरिका के समझौते के विवरण के बारे में अंधेरे में रही।
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