- देश में बैटरी स्टोरेज की बढ़ेगी क्षमता, Battery ऊर्जा क्षेत्र में एक साथ पांच फैक्ट्री लगाने की घोषणा | सच्चाईयाँ न्यूज़

बुधवार, 26 जून 2024

देश में बैटरी स्टोरेज की बढ़ेगी क्षमता, Battery ऊर्जा क्षेत्र में एक साथ पांच फैक्ट्री लगाने की घोषणा



भारत में ईवी का प्रसार तेज हो रहा है और इसके साथ ही देश में बैटरी बनाने का उद्योग देशी-विदेशी कंपनियों को तेजी से आकर्षित करने लगा है। इस क्रम में बुधवार को एक साथ पांच कंपनियों ने बैटरी भंडारण और निर्माण से जुड़े रसायन के निर्माण के क्षेत्र में निवेश करने का ऐलान किया है।

जिन कंपनियों ने घोषणा की है उनके नाम है नैश एनर्जी, सिंगापुर की वीफ्लोटेक, बैटएक्स इनर्जीज, खुसमंदा पावर और लोहुम क्लीनटेक। ये सारी कंपनियों भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन (आइईएसए) की तरफ से अगले हफ्ते आयोजित होने वाले भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह (आइईएसडब्लू) के 10वें संस्करण में अपनी योजनाओं का विस्तार से सामने रखेंगी। मोटे तौर पर इन कंपनियों की तरफ से शुरुआत में दो हजार करोड़ रुपये के निवेश किये जाने की संभावना है।

अभी 200 मेगावाट है बैटरी भंडारण क्षमता

भारत में अभी बैटरी भंडारण बनाने की क्षमता सिर्फ 200 मेगावाट है जो वर्ष 2024 के अंत तक बढ़ कर 500 मेगावाट हो जाने की संभावना है। लेकिन आइइएसए का कहना है कि वर्ष 2025 में भारत में 2,000 मेगावाट क्षमता की बैटरी का निर्माण होने लगेगा। हालांकि यह चीन के मुकाबले बहुत ही कम है। चीन में सिर्फ वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 35 हजार मेगावाट की बैटरी निर्माण क्षमता में लगाई गई है।

वर्तमान में 90 फीसदी होता है चीनी बैटरी का इस्‍तेमाल

अभी भारत में जितने भी इलेक्ट्रिक वाहन (तिपहिया, दोपहिया से लेकर कारों तक में) बनाये जा रहे हैं उनमें 90 फीसदी में चीन निर्मित बैटरी का इस्तेमाल हो रहा है। इस स्थिति को बदलने के लिए ही केंद्र सरकार ने बैटरी निर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए पीएलआई स्कीम लॉन्‍च की है। इसका सकारात्मक असर यह हुआ है कि भारतीय बाजार में कंपनियों की रुचि बढ़ गई है लेकिन उक्त आंकड़ों से साफ है कि चीन अभी काफी आगे है।

उक्त घोषणाओं में नैश एनर्जी की तरफ से स्वदेशी तकनीक से तैयार ली-आयन बैटरी सेल है। इसका पूरी तरह से निर्माण भारत में शुरू किया जा चुका है। नैश ने कर्नाटक में एक लिथियम आयन सेल विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया है, जिसकी वार्षिक क्षमता 600 मेगावाट घंटा है, जिसे 1.5 गीगावाट घंटा तक बढ़ाया जा सकता है। सिंगापुर मुख्यालय वाली वीफ्लोटेक हरियाणा के पलवल में अपनी गैर लिथियम बैटरी निर्माण इकाई स्थापित कर चुकी है। हाई-टेक सुविधा की वर्तमान वार्षिक क्षमता 100 मेगावाट प्रति घंटा है, जिसकी क्षमता काफी बढ़ाने की योजना है।

बैटएक्स इनर्जीज अत्याधुनिक बैटरी रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में निर्माण इकाई स्थापित कर रही है। कंपनी शुरुआत में सालाना 2.5 हजार मीट्रिक टन बैटरी की रिसाइक्लिंग करेगी। जबकि लोहुम क्लीनटेक ने बेहद उन्नत प्रौद्योगिक वाली 'मैंगनीज-समृद्ध' लिथियम-आयन बैटरी प्रौद्योगिकी विनिर्माण में प्रवेश करने की भी घोषणा की है। इसे टेस्ला को अपनी सेवा दे चुके दिग्गज चैतन्य शर्मा मदद कर रहे हैं।

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