लोकसभा चुनाव में इंडिया ब्लॉक का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर होने के बावजूद आम आदमी पार्टी कुछ खास कमाल नहीं कर पाई है। दिल्ली और हरियाणा में आम आदमी पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाई, वहीं पंजाब में उसे 3 सीटों से संतोष करना पड़ा है।
परिणाम आने के बाद इंडिया ब्लॉक के अंदर ही कलह शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली और हरियाणा में अपने निराशाजनक प्रदर्शन का ठीकरा कांग्रेस के ऊपर फोड़ा है। परिणाम आने के बाद से ही आम आदमी पार्टी के नेता कांग्रेस को घेरने लग गए हैं।
परिणाम के बाद आपस में भीड़े AAP-कांग्रेस
दो दिन पहले आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा था, "दिल्ली विधानसभा के लिए देशभर में कोई गठबंधन नहीं बना है और हम दिल्ली में अपनी अपनी पूरी ताकत से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।" अब हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी इसी राह पर आगे बढ़ती नजर आ रही है।
आम आदमी पार्टी दिल्ली और हरियाणा लोकसभा चुनाव में गठबंधन में चुनाव मैदान में उतरी थी। दोनों ही राज्यों में पार्टी का खाता नहीं नहीं खुल पाया। हरियाणा में आम आदमी पार्टी के हिस्से में कुरुक्षेत्र की एक सीट आई थी लेकिन यहां भी उसे हार का सामना करना पड़ा। वहीं, गठबंधन की सहयोगी कांग्रेस राज्य में शून्य से बढ़कर पांच सीटें जीतने में कामयाब हुई है। आम आदमी पार्टी कुरुक्षेत्र में मिली हार का ठीकरा अब कांग्रेस नेताओं पर फोड़ रही है।
आम आदमी पार्टी हरियाणा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा पर निशाना साधते हुए उन्होंने भितरघात का शक जताया।
अनुराग ढांडा ने कांग्रेस नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप
अनुराग ढांडा ने कहा, "कुछ ताकतों ने यह कोशिश की कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी की भ्रूण हत्या की जाए। क्योंकि उन्हें लगा कि यदि आप कुरुक्षेत्र में जीतती है तो हरियाणा की राजनीति में तूफान आ जाएगा और बड़े राजनीतिक दलों को दिक्कत हो जाएगी। इसलिए आप (आम आदमी पार्टी) की भ्रूण हत्या की साजिश की गई है।"
उन्होंने आगे कहा, "जो साजिशें कुरुक्षेत्र में की गई, उसकी असल वजह आने वाले दिनों में समीक्षा के बाद आएगी, लेकिन हमारे कार्यकर्ता जो हमें बता रहे हैं वो संदेह पैदा करता है। कैथल में जिस रणदीप सुरजेवाला को कद्दावर नेता माना जाता है, वह कई राज्यों में प्रभारी भी रहे हैं। वो पिछली बार अपने विधानसभा चुनाव में 500-700 वोटों से रह गए थे, उसके बाद बीजेपी के खिलाफ इतनी एंटी वेव भी चल रही थी, उसके बावजूद सुरजेवाला जी के इलाके से गठबंधन 17000 वोट पीछे कैसे रह गया? ये बात समझ नहीं आती है। जिस बूथ पर सुरजेवाला ने वोट किया वहां भी गठबंधन हार गया। ऐसे में तो सवाल तो उठेगा ही।"
अनुराग ढांडा ने आगे कहा, "अशोक अरोड़ा जो सीएम हुड्डा के राइट हैंड बताए जाते हैं, विधानसभा में महज कुछ सौ वोटों से हारे थे, उनके इलाके में अगर 18000 वोटों से गठबंधन हार जाए तो सवाल मन में जरूर उठता है। क्या गजब इत्तेफाक है कि जहां-जहां कांग्रेस के विधायक या कद्दावर नेता थे, उन-उन विधानसभा क्षेत्रों में हम लोकसभा चुनाव में हार जाते हैं। जहां कांग्रेस के कद्दावर नेता या विधायक नहीं थे, वहां हमारे कार्यकर्ता जूझ रहे थे वहां हमारे उम्मीदवार को जीत मिली। इससे समझ आता है कि या तो सुरजेवाला और अरोड़ा जी का कोई अस्तित्व नहीं रहा, लोगों ने इन्हें नकार दिया। लेकिन अगर सुरजेवाला जी का कद है तो फिर सवाल जरूर उठेंगे।"
अनुराग ने आशंका जताई कि भिवानी महेंद्रगढ़ और करनाल में कांग्रेस ने मिलीभगत की थी। इन सीटों पर कांग्रेस जीत सकती थी, लेकिन ऐसे लोगों को टिकट दिया गया जिससे गठबंधन को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा, "90 की 90 सीटों पर विधानसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी अपने बूते पर लड़ेगी।" अनुराग ढांडा ने भूपेंद्र हुड्डा पर भी निशाना साधा।
बता दें, गठबंधन के प्रत्याशी सुशील गुप्ता को इस चुनाव में भाजपा के नवीन जिंदल के हाथों 29021 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। कुरुक्षेत्र सीट से नवीन जिंदल को 542175 वोट मिले जबकि सुशील गुप्ता को 513154 लोगों में वोट दिया। तीसरे नंबर पर अभय चौटाला रहे जिन्हें यहां 78708 वोट मिले।
एक टिप्पणी भेजें