- कुवैत की आग में जलकर मर गए 40 भारतीय, 21 के नाम आए सामने, ज्यादातर केरल से | सच्चाईयाँ न्यूज़

बुधवार, 12 जून 2024

कुवैत की आग में जलकर मर गए 40 भारतीय, 21 के नाम आए सामने, ज्यादातर केरल से



  कुवैत के अहमदी प्रांत के मंगफ ब्लॉक में बुधवार को एक छह मंजिला इमारत में भीषण आग लगने से 11 मलयाली सहित कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हताहतों में तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य भारतीय राज्यों के लोग भी शामिल हैं.

मृतकों में कोल्लम के ओयूर के 33 वर्षीय उमरुद्दीन शमीर भी शामिल हैं. आईसीयू में रखे गए 35 में से सात की हालत गंभीर बताई जा रही है. कम से कम पांच लोग वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं. बताया जा रहा है कि हादसे में 40 से ज्यादा भारतीयों की मौत हो गई है.

आग में मारे गए अन्य भारतीयों में रंजीत, शिबू वर्गीज, थॉमस जोसेफ, प्रवीण माधव, लुकोस वडक्कोट्ट उन्नून्नी, भूनाथ रिचर्ड रॉय आनंद, केलू पोनमलेरी, स्टीफन अब्राहम साबू, अनिल गिरी, मुहम्मद शरीफ, साजू वर्गीज, द्वारिकेश पटनायक, पी वी मुरलीधरन, विश्वास कृष्णन, अरुण बाबू, साजन जॉर्ज, रेमंड, जीसस लोपेज, आकाश शशिधरन नायर और डेनी बेबी करुणाकरण शामिल हैं.

जिस इमारत में आग लगी, उसमें पास के व्यावसायिक क्षेत्र के 195 से अधिक मजदूर रहते हैं, जिनमें अधिकतर केरल, तमिलनाडु और उत्तर भारत के थे. यह इमारत मलयाली व्यवसायी केजी अब्राहम के स्वामित्व वाले एनबीटीसी समूह की है. इमारत में एनबीटीसी के सुपरमार्केट के कर्मचारी भी रहते थे.

कुवैत के डिप्टी पीएम ने दिया कार्रवाई का आदेश
कुवैत के उप-प्रधानमंत्री फहद यूसुफ अल-सबा ने घटनास्थल का दौरा किया और मामले में पुलिस जांच के आदेश दिए. उन्होंने पुलिस को आग लगने की आपराधिक जांच पूरी होने तक इमारत के मालिक, उसके चौकीदार और वहां रहने वाले श्रमिकों के नियोक्ता को हिरासत में रखने का निर्देश दिया है. उन्होंने कुवैत नगर पालिका और मैनपावर के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण को भी इसी तरह के उल्लंघनों को देखने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जहां आवासीय भवनों में बड़ी संख्या में श्रमिकों की भीड़ होती है.

मेजर जनरल ईद राशेद हमाद ने कहा, घटना की सूचना अधिकारियों को स्थानीय समयानुसार सुबह 6:00 बजे (0300 जीएमटी) दी गई. एक अन्य वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने राज्य टीवी को बताया, "जिस इमारत में आग लगी, उसका इस्तेमाल श्रमिकों के लिए किया जाता था और वहां बड़ी संख्या में कर्मचारी रहते थे. ज्यादातर कामगारों को बचा लिया गया, लेकिन दुर्भाग्य से आग के धुएं के कारण कई मौतें हुईं." श्रमिकों के रोजगार के प्रकार या मूल स्थान के बारे में विवरण दिए बिना, उन्होंने कहा, "हम हमेशा बहुत से श्रमिकों को आवास में ठूंसने के खिलाफ चेतावनी देते हैं."

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