NDA Leaders Meets in Delhi। एनडीए ने नरेंद्र मोदी को अपना नेता चुन लिया है। वो 9 जून को शाम 6 बजे पीएम पद की शपथ ले सकते हैं। इस बार भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिली है, इसलिए टीडीपी और जेडीयू के सहारे मोदी सरकार 3.0 चलने वाली है।
चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं ने मुस्लिम आरक्षण की खिलाफत की थी, लेकिन इस मुद्दे पर टीडीपी की राय भाजपा से अलग है। एनडीए की बैठक से पहले टीडीपी नेता के रवींद्र कुमार से पूछा गया कि क्या आंध्र प्रदेश में मुस्लिम आरक्षण जारी रहेगा तो उन्होंने कहा, "हां, हम इसे जारी रखेंगे। कोई समस्या नहीं है।"
एनडीए की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी: रवींद्र कुमार
उन्होंने ये भी कहा, आज एनडीए की बैठक है। 5 जून को प्रारंभिक बैठक हुई थी। आज दूसरी बैठक है। दूसरी बैठक में एनडीए के सहयोगियों से कुछ मदद ली जाएगी। उसके बाद एक एनडीए सांसदों की भी बैठक 9 जून को पीएम के शपथ लेने की उम्मीद है, इसलिए उससे पहले हमें राष्ट्रपति को जरूरी अनुरोध सौंपना होगा , हम मुद्देवार चर्चा करेंगे।
टीडीपी की मांगों के लेकर रवींद्र कुमार ने क्या कहा?
जब टीडीपी नेता से पूछा गया कि टीडीपी की क्या मांगे होने वाली है तो इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आज इस मुद्दे पर बात करने का सही समय नहीं है।
# | Delhi: When asked if Muslim Reservation will continue in Andhra Pradesh, TDP leader K Ravindra Kumar says, "...Yes, we will continue that. There is no problem at all."
He also says, "...Today, there is NDA meeting. A preliminary meeting was held on 5th June. Today is… pic.twitter.com/MCdoXEdp3v
टीडीपी की मांगों के बारे में पूछे जाने पर पार्टी नेता के रवींद्र कुमार कहते हैं, "आज मांगों पर चर्चा करने का मंच नहीं है लेकिन हम एनडीए का हिस्सा हैं। मांग का सवाल ही नहीं उठता। यह चुनाव पूर्व गठबंधन है।"
उन्होंने आगे कहा,"जब समय आएगा तो डिमांग पर चर्चा होगी। जब भी आवश्यकता होती थी हम केंद्र की सहायता लेते थे। हम केंद्र की योजनाओं का लाभ लेते थे। हमारा पहले उद्देश्य आंध्र प्रदेश को विकास की पटरी पर ले जाना है।"
बहुमत से पिछड़ी गई भाजपा
एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के 272 के आंकड़े से काफी ऊपर है। अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा समेत वरिष्ठ भाजपा नेता भी नई सरकार में अपने प्रतिनिधित्व के लिए एक सौहार्दपूर्ण फार्मूला तैयार करने के लिए सहयोगी दलों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं, जो अस्तित्व के लिए उन पर निर्भर करेगा।
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