विदेश में घूमने का सपना लगभग हर किसी का होता है। अन्य विदेशी देशों की तरह थाईलैंड भी भारतीय लोगों के बीच काफी फेमस है। घूमने-फिरने का शौक रखने वाला हर भारतीय यह जरूर सोचता है कि लाइफ में एक बार थाईलैंड घूमने के लिए जाना है, लेकिन जो लोग पहली बार थाईलैंड घूमने की प्लानिंग करते हैं वो कई बार कुछ गलतियां कर देते हैं।
थाईलैंड जा रहे हैं तो ये गलती कभी न करें
थाईलैंड में मानहानि मामले को लेकर बहुत ही सख्त कानून है। थाईलैंड की राजशाही दुनिया के सबसे कठिन कानूनों में से एक मानहानि कानून है, जिससे देश के अंदर राजा महा वजिरालोंगकोर्न और शाही परिवार की कोई भी आलोचना बहुत जोखिम भरा हो जाती है।
थाईलैंड की दंड संहिता की धारा 112 के तहतस राजा, रानी, उत्तराधिकारी या शासक को बदनाम करने, अपमान करने या धमकी देने का दोषी पाए जाने पर प्रत्येक मामले में तीन से 15 साल तक की जेल हो सकती है, लेकिन कानून की नियमित व्याख्या राजशाही के किसी भी पहलू की आलोचना को शामिल करने के लिए की जाती है, जिसमें सोशल मीडिया पर पोस्ट या साझा की गई सामग्री भी शामिल है।
अब तक की सबसे कठोर सजा में शाही परिवार के बारे में फेसबुक पोस्ट के लिए इस महीने की शुरुआत में एक व्यक्ति को 50 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। लेसे-मैजेस्टे अपराध एक सदी से भी अधिक समय से किताबों में दर्ज हैं, लेकिन 1976 में इन्हें और मजबूत किया गया। मानवाधिकार समूह आर्टिकल 19 के मुताबिक, थाई आंकड़े बताते हैं कि 2015 के बाद से अदालतों में 25,000 आपराधिक मानहानि के मामले दायर किए गए हैं, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि यह न्यायिक उत्पीड़न के बराबर है।
थाई कानून के तहत मानहानि के मामलों में अगर आप सच भी बोल रहे हैं, तो एक बार मामले में आने के बाद आप बच नहीं सकते हैं। भले ही प्रतिवादी ने जो कहा है वह स्पष्ट रूप से सत्य है, भले ही वादी स्वीकार करता है कि यह सत्य है, तब भी प्रतिवादी को दोषी पाया जा सकता है, जब तक कि वे यह नहीं दिखा सकें कि प्रकाशन में सार्वजनिक हित है।
थाई कानूनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र भी चिंतित
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का कहना है कि थमकासेट कंपनी लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा दायर किए गए मामले, आलोचना को सेंसर करने, डराने और चुप कराने के लिए कानूनी प्रणाली का दुरुपयोग करने वाले व्यवसायों का एक स्पष्ट उदाहरण हैं। हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि मानवाधिकार रक्षकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करने के लिए जेल की सजा और भारी जुर्माने का सामना करना पड़ रहा है।
थाईलैंड में रेस्त्रां-होटल को खराब रेटिंग स्टार देने पर मिलती है सख्त सजा
अभी हाल ही में थाईलैंड में एक विदेशी नागरिक को रेस्त्रां को ऑनलाइन खराब रेटिंग स्टार देने पर सख्त सजा मिली है। उसने रेस्टोरेंट को 1 रेटिंग दी थी, जिसके बाद उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। दरअसल, थाईलैंड में बिना वाजिब कारण ऑनलाइन या ऐप पर खराब रेटिंग देने को मानहानि माना जाता है। दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल हो सकती है।
दो केस स्टडी: थाईलैंड में रेटिंग देते समय रहें सावधान
केस-1: 21 वर्षीय अलेक्जेंडर फुकेत द्वीप पर अपने घर जाने के लिए एक रेस्त्रां को शॉर्टकट के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था। जब उसने रेस्तरां के अंदर से गुजरने की कोशिश की, तो उसे रोक दिया गया। इस पर अलेक्जेंडर की रेस्त्रां मालिक के साथ बहस भी हुई।
इसके बाद अलेक्जेंडर ने बदला लेने के लिए अपने दोस्तों की मदद से रेस्त्रां को कई फर्जी निगेटिव रेटिंग (1 स्टार रेटिंग) दी। इस पर रेस्त्रां के मालिक ने अलेक्जेंडर पर केस दर्ज कर दिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटनाक्रम से पहले रेस्त्रां की ऑनलाइन रेटिंग 5 स्टार में से 4.8 थी, जो गिरकर 3.1 रह गई। इससे बिजनेस में कमी आई और आर्थिक नुकसान भी हुआ।
केस-2: साल 2020 में फुकेत में एक अमेरिकी पर्यटक को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने एक होटल को ऑनलाइन ऐप पर निगेटिव रेटिंग दी थी। हालांकि माफी मांगने के बाद पर्यटक को रिहा कर दिया गया।
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