अफवाह फैलाना बुरी बात है, कई बार झूठी बातों से समाज और व्यक्ति का बहुत बड़ा नुकसान होता है. एक गलत जानकारी तनाव व हिंसा की स्थिति पैदा कर सकती है. शेयर बाजार में भी कई बार अफवाह फैलने से आम निवेशकों को बड़ा नुकसान होता है.
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने स्टॉक मार्केट में अफवाहों की वजह से स्टॉक की कीमत पर होने वाले असर से निपटने के लिए 21 मई को नई गाइडलाइन जारी की है. इस गाइडलाइन के अनुसार, अगर किसी अनवेरिफाइड न्यूज या अफवाह की वजह से किसी स्टॉक में बड़ा बदलाव देखने को मिलता है तो 24 घंटे के अंदर कंपनी को उस खबर को कंफर्म करना होगा.
SEBI ने क्या कहा
सेबी ने कहा कि कंपनी को लेकर किसी भी तरह की अफवाह सामने आने पर कंपनी को उस खबर पर तय समय अंदर अपनी स्थिति साफ करनी होगी. 24 घंटे के अंदर अफवाह की पुष्टि करने पर नियमों के तहत स्टॉक का 'अन इफेक्टेड प्राइस ' माना जाएगा. 'अन इफेक्टेड प्राइस ' किसी स्टॉक का वो स्तर होगा जो उस खबर या अफवाह के ना होने पर रहता है. दरअसल विलय एवं अधिग्रहण सौदों को अटकलों से बचाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने ऐसे मामलों में लेनदेन के लिए शेयर का मूल्य स्तर तय करने के लिए यह गाइडलाइंस जारी की. यह नियम 1 जून से बाजार में लिस्टेड टॉप 100 कंपनियों पर और दिसंबर 2024 से अगली 150 संस्थाओं पर लागू होंगे.
निवेशकों का हित
अक्सर देखने में आया है कि किसी प्लेटफार्म के जरिए किसी कंपनी से जुड़ी कोई ऐसी खबर आती है जिसके कारण उसके स्टॉक में तेजी से उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. हालांकि, बाद में कंपनियां उस खबर को खारिज कर देती हैं लेकिन इससे आम निवेशकों को बड़ा नुकसान होता है. ऐसे में सेबी की यह गाइडलाइंस इन्वेस्टर्स के हितों की सुरक्षा करेगी.
दरअसल बाजार में सक्रिय, ऑपरेटर्स (बड़े निवेशक) गलत तरीके से शेयरों के प्राइस में फेर-हेर करने की फिराक में रहते हैं. इसके लिए वे विभिन्न प्लेटफार्म के जरिए किसी शेयर या उस कंपनी के बारे में अफवाह फैलाते हैं. इसके बाद शेयर की कीमत में उछाल व गिरावट आने पर खरीदी-बिक्री करते हैं. लेकिन, इनमें सबसे ज्यादा नुकसान आम निवेशकों का होता है.
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