मतगणना से पहले सर्विस मतदाताओं से प्राप्त पोस्टल बैलेट की स्कैनिंग होनी है। इसलिए हर 10 स्कैनर पर एक सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति करें। इसके अलावा प्रस्तावित मतगणना की हर टेबल पर अलग से सहायक रिटर्निंग अधिकारी की नियुक्ति की जाए। इन अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में भेजे जाए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अग्रवाल ने कहा कि मतगणना हाल में ईटीपीबीएस और पोस्टल बैलेट की गणना एक अति महत्वपूर्ण पहलू है। इसलिए अधिकारियों को स्वयं इस कार्य को करना होगा। सभी मतगणना केंद्रों पर उच्च गुणवत्ता 100 एमबीपीएस की लीज लाइन की व्यवस्था करवा लें।
उन्होंने बताया कि 85 वर्ष से अधिक आयु के और दिव्यांग मतदाता जो घर से वोट करना चाहते है। फार्म 12 डी भरकर दिया है। उनकी वोटिंग का उचित प्रबंध करें और समय पर वोटिंग करवाए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सर्विस मतदाताओं की कुल संख्या 1 लाख 11 हजार 58 है। इसलिए मतों की गणना के लिए स्कैनर के पर्याप्त संख्या में प्रबंध किए जाए। मतगणना में पोस्टल बैलेट एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसके तहत सर्विस वोटर से प्राप्त पोस्टल बैलट पेपर तथा ड्यूटी पर तैनात मतदाता और अन्य कर्मचारी तथा गैरहाजिर मतदाता की गणना की जाती है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोकसभा घोषित होने की तिथि 16 मार्च और नामांकन दाखिल करने की तिथि 6 मई के बीच प्रदेश में 1 लाख 95 हजार 662 नए मतदाता बने हैं। इसलिए इन सब का फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र भिजवाने के लिए प्रिंटरर्स को समय रहते अवगत करा दें।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 10 हजार 523 स्थानों पर अस्थाई मतदान केंद्रों सहित पोलिंग स्टेशनों की संख्या 20 हजार 31 है। सभी जिला निर्वाचन अधिकारी इन मतदान केंद्रों पर पीने का शुद्ध पानी, महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालयों, हीट वेव को देखते हुए अतिरिक्त टेंट, पंखों के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करके ओआरएस सहित मेडिकल किट की व्यवस्था करें।
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